शंघाई समिट: पड़ोसी देशों के साथ संपर्क स्थापित करना भारत की प्राथमिकता : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट के दूसरे दिन वेलकम सेरेमनी में हिस्सा लेने पहुंचे। वे यहां लगातार दूसरे दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले। दोनों नेताओं ने साथ में हाथ मिलाते हुए फोटो भी खिंचाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत आने वाले क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क (कनेक्टिविटी) होने को भारत की प्राथमिकता बताया। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के नतीजों पर पूर्ण सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता को भी जाहिर किया। मोदी ने प्लेनरी सेशन में कहा कि भारत में केवल 6% पर्यटक ही एससीओ देशों से आते हैं। इसे बढ़ाया जा सकता है। इसमें सभी नेता साथ में समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

अफगानिस्तान आतंक के प्रभाव का दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण
- मोदी ने प्लेनरी सेशन में कहा, "अफगानिस्तान आतंक के प्रभाव का एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है।'
- मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश में शांति के लिए जो साहसिक कदम उठाए हैं , क्षेत्र में सभी लोग इसका सम्मान करेंगे।
- "भारत आने वाले पर्यटकों में एससीओ देशों के महज छह फीसदी हैं। इन्हें आसानी से दोगुना किया जा सकता है। हमारी संस्कृतियों के प्रति जागरुकता बढ़ाकर यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।'
- "हम भारत में एससीओ का एक फूड फेस्टिवल और बुद्ध फेस्टिवल आयोजित करेंगे। हम फिर एक मंच पर पहुंचे हैं जहां भौतिक और डिजिटल संपर्क भौगोलिक परिभाषा को बदल रहा है। इसलिए एससीओ क्षेत्र में पड़ोसियों से संपर्क हमारी प्राथमिकता है।'

चीन के साथ हुए दो अहम समझौते
- इससे पहले शनिवार को ही मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। पिछले दो महीनों में ये दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाकात है। दोनों देशों के बीच ब्रह्मपुत्र और खेती को लेकर दो अहम समझौते हुए हैं। करार के तहत चीन ब्रह्मपुत्र का पानी छोड़ने से पहले भारत को सूचना देगा। चीन ने भारत से बासमति के अलावा दूसरे किस्म के चावल खरीदने पर भी सहमति जताई है।

2019 में भारत की यात्रा करेंगे जिनपिंग

- विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि जिनपिंग ने मोदी आमंत्रण स्वीकार किया है। वे 2019 में भारत आएंगे।
- गोखले के मुताबिक, "जिनपिंग ने इस समिट को काफी सकारात्मक बताया। उन्होंने हमारे द्विपक्षीय संबंधों में इस समिट को नई शुरुआत करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दोनों देशों के रिश्ते के लिए मील का पत्थर बताया।"
- उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पीपुल टू पीपुल तंत्र बनाया जाएगा। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय इसकी अगुआई करेगा। वहीं, चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी इसकी देखरेख करेंगे। इसकी पहली बैठक इसी साल होगी।
- द्विपक्षीय वार्ता से पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुरानी मुलाकातों का एलबम मोदी को दिखाया।

चीन के टियर-2 शहर किंगदाओ में हो रही एससीओ समिट
- 18वां शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) सम्मेलन चीन के तटीय शहर किंगदाओ में हो रहा है। यह शानडांग राज्य में है। चीन का यह पर्यटन शहर सेलिंग सिटी के नाम से भी मशहूर है। शहर की जनसंख्या करीब 10 लाख है।
- किंगदाओ पोर्ट से 1 मिनट में औसतन 2.3 टन सी-फूड, 970 टन सामान दुनिया को भेजा जाता है।
- चीन दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी है। चीन की जीडीपी 951.21 लाख करोड़ रुपए है। इसमें क्विंगदाओ शहर प्रति मिनट करीब 2.20 करोड़ रुपए का योगदान करता है।
- 3 साल पहले तक चीन में होने वाले सभी बड़े सम्मेलन टॉप-4 शहर बीजिंग,शंघाई, ग्वांगझू, शेनजेन में ही होते थे।
- कुछ साल से चीन दूसरे दर्जे के शहरों में बड़े सम्मेलन करवा रहा है। वह दुनिया काे शहरी विकास दिखाना चाहता है।
- 2016 में जी-20 समिट ह्वांगझोऊ, 2017 में ब्रिक्स समिट शियामेन में हुए थे। अब एससीओ किंगदाओ में हो रहा है।
- किंगदाओ में तीन हजार पत्रकार आए हैं। 10 यूनिवर्सिटी के 2 हजार स्टूडेंट्स और 18 हजार वॉलंटियर स्वागत में लगे हैं।