रक्षा मंत्रालय की कमेटी में साध्वी प्रज्ञा को मिली जगह, कांग्रेस बोली- गोडसे भक्तों के अच्छे दिन!

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) को रक्षा मंत्रालय की कमेटी का सदस्य बनाया गया है। 21 सदस्यों वाली इस कमेटी की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। कमेटी में चेयरमैन राजनाथ सिंह के अलावा फारुक अब्दुल्ला, ए। राजा, सुप्रिया सुले, मीनाक्षी लेखी, राकेश सिंह, शरद पवार, जेपी नड्डा आदि सदस्य शामिल हैं। प्रज्ञा ठाकुर को इस महत्वपूर्ण समिति का सदस्य मनोनीत करने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस फैसले की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी की विचारधारा की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रज्ञा ठाकुर को संसदीय सलाहकार समिति का सदस्य बनाते हैं। ये उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। वही कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने इसकी निंदा की है, उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा था कि उनपर कार्रवाई करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

साध्वी प्रज्ञा की नियुक्ति पर कांग्रेस कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया कि प्रज्ञा ठाकुर को डिफेंस कमेटी में शामिल किया गया है। बीजेपी सरकार ने नेशनलिज्म को नया मॉडल दिया है, बम ब्लास्ट मामले में ट्रायल पर चल रहीं नेता को डिफेंस मामलों की कमेटी में शामिल किया गया। चिंता की कोई बात नहीं, भारत माता की जय। उन्होंने लिखा कि कुछ महीनों पहले पीएम ने 'मन से माफ ना करने' की बात कही थी, लेकिन अब संदेश साफ है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के अच्छे दिन आ गए हैं।

वहीं, बीजेपी ने इसे बिना वजह उठाया विवाद बताया है। बीजेपी के राज्यसभा सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर संसद की सदस्य हैं, लिहाजा उन्हें किसी भी कमेटी में शामिल किया जा सकता है। यह नियम के मुताबिक ही है। यह कमेटी रक्षा मंत्री को उनके कामकाज में सहयोग करने के लिए है और इसमें कुछ गलत बात नहीं है। कांग्रेस जो कह रही है वह उसकी आदत है, लेकिन जो नियम है संसद सदस्य अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स भी इस समिति के सदस्य हैं।

बता दे, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जब से लोकसभा चुनाव में भोपाल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया था, तभी से उनके बयान सुर्खियों में बने रहे। फिर चाहे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताना हो, विपक्षी नेताओं पर भाजपा नेताओं के ऊपर ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल किए जाने वाला वक्तव्य हो, कई बार प्रज्ञा विवादों में रही हैं। हर बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनके बयान पर सफाई दी जाती है और उन्हें चेतावनी भी दी जाती है। इसके अलावा उन्होंने हेमंत करकरे को लेकर भी विवादित बयान दिया था।

लोकसभा चुनाव के दौरान जब साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था, तो विपक्ष ने काफी हंगामा किया था। बढ़ते विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया था कि वह कभी भी साध्वी प्रज्ञा को मन से माफ नहीं कर पाएंगे। इसी के बाद बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा को विवादित बयान पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था और अनुशासनात्मक कमेटी को मामला सौंपा गया था।

आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और अप्रैल 2017 में स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी थी।अभी भी ये मामला अदालत में चल रहा है। भोपाल में हुए मुकाबले में प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को मात दी थी।