राजधानी कीव समेत यूक्रेन के सभी अहम शहरों में धमाके हो रहे है। इस बीच NATO ने बड़ा ऐलान किया। NATO चीफ जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके समकक्ष यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर अपने सहयोगी देशों की रक्षा के लिए सेना की तैनाती पर सहमत हुए हैं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने सैनिकों की तैनाती की जाएगी। लेकिन उन्होंने कहा, इस कदम में जमीनी, समुद्री और वायु शक्ति शामिल है। माना जा रहा है कि रूस के रोमानिया में एक जहाज पर हमले के बाद ये कदम उठाया जा रहा है। दरअसल, रोमानिया नाटो का सदस्य है। नाटो की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नेताओं ने नाटो प्रतिक्रिया बल (एनआरएफ) के कुछ हिस्से और त्वरित रूप से तैनात होने वाली एक इकाई को भेजने का फैसला किया। एनआरएफ में सैनिकों की संख्या 40,000 हो सकती है, लेकिन स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो पूरे बल को तैनात नहीं करेगा। नाटो के ।वेरी हाई रेडीनेस ज्वाइंट टास्क फोर्स’ (वीजेटीएफ) बल के कुछ हिस्सों को भी भेजा जाएगा, जिसका नेतृत्व वर्तमान में फ्रांस कर रहा है।
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, रूस का उद्देश्य यूक्रेन तक सीमित नहीं है। ऐसे में सहयोगी देशों में जमीन पर, समुद्र और हवा में नाटो रिस्पांस फोर्स की टुकड़ियों को तैनात करने का फैसला किया गया है।
स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला यूक्रेन पर हमले से कहीं ज्यादा है। यह यूक्रेन में निर्दोष लोगों पर एक विनाशकारी भयानक हमला तो है ही, लेकिन यह पूरे यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था पर भी हमला है और यही कारण है कि हम इसे इतनी गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा, रूस का लक्ष्य यूक्रेन की सरकार को बदलना है। मैं यूक्रेन के सशस्त्र बलों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करूंगा, जो वास्तव में बहुत बड़ी हमलावर रूसी सेना के खिलाफ लड़कर और खड़े होकर अपनी बहादुरी और साहस साबित कर रहे हैं।