रोवर प्रज्ञान के सामने आई चुनौती, बड़े गड्ढे के पास पहुंचा, बदला रास्ता

नई दिल्ली। इसरो पहले ही बता चुका है कि लैंडिंग के बाद सभी पेलोड और सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं। साथ ही रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) के लैंडर से बाहर आने का वीडियो भी सामने आ चुका है। अब एक बार फिर इसरो ने अपने ताजा अपडेट में बताया है कि रोवर प्रज्ञान के सामने एक ऐसी चुनौती आ गई कि उसका रास्ता ही बदलना पड़ गया।

इसरो के ताजा अपडेट के अनुसार, 27 अगस्त 2023 (रविवार) को रोवर के सामने चार मीटर चौड़ा क्रेटर (Crater) यानी गड्ढा आ गया। यह क्रेटर (Crater) रोवर से मात्र 3 मीटर की दूरी पर था। ऐसी स्थिति देकते ही रोवर को वापस लौटने का निर्देश दिया गया और अब यह एक नए रास्ते पर सुरक्षित रूप से आगे बढ़ रहा है।

चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर गड्ढा देखकर अपना रास्ता बदल लिया है। यह गड्ढा यानी क्रेटर 4 मीटर व्यास का है। यह गड्ढा रोवर के सामने करीब 3 मीटर की दूरी पर था। अब रोवर नए रास्ते पर चल रहा है। रोवर छोटे-मोटे गड्ढे तो पार कर सकता है लेकिन बहुत बड़े नहीं, इसलिए उसे अपना रास्ता तब बदलना होगा, जब उसके सामने कोई बड़ा गड्ढा या बोल्डर होगा।

अब तक रोवर ने 8 मीटर यानी 26 फीट से ज्यादा दूरी तय कर ली है। उसके दोनों पेलोड्स ऑन हैं। काम कर रहे हैं। इसके अलावा इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स अब काम कर रहे हैं, तीनों का कम्यूनिकेशन बेंगलुरु स्थित सेंटर से बना हुआ है।

कौन-कौन से पेलोड्स हैं रोवर पर?

पहले ये जानते हैं प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर काम क्या कर रहा है। रोवर पर दो पेलोड्स लगें हैं। पहला है लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा— जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा। इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर की जाएगी।

दूसरा पेलोड है अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर — यह चांद की सतह पर मौजूद केमकल्स यानी रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा। साथ ही खनिजों की खोज करेगा।