सीकर : दिनदहाड़े बैंक लूटने की साजिश हुई नाकाम, अपराधी पर भारी पड़ी एक गलती, बचा 20 किलो सोना और 1.5 करोड़ रुपए

बीते दिन जयपुर रोड स्थित कैनरा बैंक में दिनदहाड़े बैंक लूटने की कोशिश की गई जो किनाकाम हो गई। आरोपी को रुपये लेकर भागने से पहले ही दबोच लिया गया। खाली पिस्टल लेकर घुसे लुटेरे ने स्टाफ को बंधक बना लिया। रुपए बैग में भर लिए, लेकिन एक गलती से आरोपी पकड़ा गया और बैंक के 1.5 करोड़ रुपए और 15-20 किलो सोना लूटने से बच गया। पुलिस के अनुसार, लूट का आरोपी किशाेर पुत्र शंकरलाल सैनी सर्किट हाउस के पास मारूति नगर का रहने वाला है। आरोपी का घर से 400 मीटर दूर कैनरा बैंक में खाता है। गुरुवार सुबह 10.57 बजे वह मास्क पहनकर बैंक में घुसा।

पिस्टल लहराते हुए शाखा प्रबंधक सुमन के कैबिन में गया। शाखा प्रबंधक हनुमानगढ़ के रहने वाले अपने जीजा डा. महेश सहारण से फोन पर बात कर रही थीं। लुटेरे ने शाखा प्रबंधक का माेबाइल छीनकर मेज पर रख दिया, लेकिन कॉल डिस्कनेक्ट करना भूल गया। इसके बाद आरोपी ने सभी 10 कर्मचारियाें काे बाहर बुलाकर एक लाइन में खड़ा कर दिया। बैंक के स्टाफ से ही एक-दूसरे के तार से हाथ बंधवाए और सबकाे कमरे में बंद कर दिया। आरोपी बैग में रुपए भरने लगा।

उधर, फाेन पर शाखा प्रबंधक के जीजा ने डराने-धमकाने और कैश काउंटर की चाबी हवाले कर देने की बात सुनी ताे गड़बड़ी की आशंका पर उसने उद्योग नगर थाने में फाेन कर दिया। पुलिस माैके पर पहुंची तो आरोपी भागने की फिराक में था। पुलिस ने आरोपी किशाेर सैनी काे रीकाे तिराहे पर पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया। बैंक की शाखा प्रबंधक सुमन ने बैंक लूटने के प्रयास की रिपाेर्ट दी है।

उद्योग नगर थानाधिकारी पवन चाैबे ने बताया कि पूछताछ में आराेपी ने बताया कि पिस्टल वह यूपी से खरीद कर लाया था। पूछताछ में सामने आया है कि आराेपी के आठ-दस लाख रुपए का कर्जा है और उसके पिता हार्ट के पेशेंट हैं। कर्जा उतारने और पिता का इलाज कराने के लिए आराेपी ने लूट का सहारा लेने की बात कबूली है।

बिना मास्क था बैंक का स्टाफ, मास्क पहने लुटेरे ने इशारे से बुलाया तो उसे स्वास्थ्यकर्मी समझ लिया

स्टाफ ने बताया कि पाैने दस बजे बैंक खाेलने के बाद वे लाेग सब अपने काम में जुटे हुए थे। किसी ने मास्क नहीं लगा रखा था। लुटेरा अंदर घुसा और स्टाफ काे बाहर आने के लिए कहा ताे वे समझे कि स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी आया है और मास्क नहीं लगाने पर टाेकेगा। लेकिन, जब स्टाफ बाहर आया और आरोपी के हाथ में पिस्टल देखकर सबके होश उड़ गए। लुटेरे ने सबको बंधक बना लिया। वह बैग में नकदी भरकर फरार होने ही वाला था। तभी बैंक के शटर के खुलने की आवाज सुनकर वह घबरा गया और हड़बड़ाहट में रुपए से भरा बैग वहीं छोड़ दिया। आरोपी सामने स्थित दीवार फांदकर पार्क में घुस गया। यहां से बाहर निकला और रीकाे तिराहे पर पहुंचा ही था कि एक पुलिसकर्मी ने दाैड़कर उसकाे पीछे से पकड़ लिया। दूसरी साइड से पुलिस की गाड़ी पहुंची ताे पुलिसकर्मी देवीलाल, दुर्गाराम और रायबहादुर ने आराेपी काे पिस्टल के साथ दबाेच लिया।

सिटी हीरो : पिस्टल देखकर भी नहीं डरा कांस्टेबल, दौड़कर आरोपी को पकड़ लिया

शाखा प्रबंधक के जीजा ने उद्योग नगर में फाेन किया था। यहां से एसआई कंचन के पास सूचना भिजवाई गई। एसआई कंचन ने बताया कि पुलिस पहले इसकाे मजाक समझ रही थी। बाद में गंभीरता से लिया ताे आरोपी माैके पर पकड़ा गया। कांस्टेबल दुर्गाराम आरोपी के पीछे रीकाे तिराहे पर पहुंचा। उसके पास पिस्टल भी थी। फिर भी कांस्टेबल ने दौड़कर उसको पकड़ लिया।

दावा : आरोपी के 2 साथी और थे

स्टाफ ने भी लाॅकराें की चाबी एक-दूसरे के पास नहीं हाेने की बात कहकर आरोपी को उलझाए रखा। 25 मिनट बाद पुलिस पहुंच गई। आरोपी ने कबूला कि लूट करने वह अकेला आया था। जबकि प्रत्यक्षदर्शी उसके साथ दाे जने और बता रहे थे। पुलिस ने भी लूट के लिए आरोपी के अकेले हाेने की पुष्टि की है।

आरोपी पुरानी गाड़ियों की खरीद फरोख्त करता है

आराेपी मारुती मार्केट में काम करता है। पुरानी कार काे खरीद कर डेटिंग-पेंटिंग कर बेच देता है। उसके पिता हार्ट पेशेंट हैं। किशाेर का कैनरा बैंक में खाता था और वह यहां आता-जाता रहता था। इस कारण उसकाे पता था कि किस समय बैंक में कितने कर्मचारी रहते हैं और कैश कहां रखा रहता है।

हनुमानगढ़ के डॉक्टर ने नेट पर उद्योग नगर का नंबर सर्च कर दी सूचना

हनुमानगढ़ के डा. महेश सहारण ने बताया कि किसी मरीज के सिलसिले में बात करने के लिए मेरी साली कैनरा बैंक शाखा प्रबंधक सुमन का एक मिनट पहले ही मेरे मोबाइल पर फाेन आया था। मेरी उनसे बातचीत चल ही रही थी कि अचानक उनकी आवाज आना बंद हाे गई। मैं हैलाे-हैलाे करता रहा और उधर से चाबी बताने की बात काे लेकर बार-बार धमकाने की आवाजें आ रही थी। जिनकाे सुनकर मैं भाप गया कि बैंक में जरूर काेई गड़बड़ है। मैंने तुरंत पुलिस कंट्राेल रूम के नंबराें पर फाेन कर संबंधित थाने के संपर्क नंबर मांगे। लेकिन नंबर नहीं मिल पाए। इसके बाद नेट पर सर्च कर उद्योग नगर थाने के नंबर ढूंढ़े और पुलिस को फोन कर बैंक का नाम बताते हुए वहां गड़बड़ हाेने की संभावना जताई। इसके बाद पुलिस भी माैके पर पहुंच गई आरोपी पकड़ा गया।