कोटा : इंसानियत पर भारी पड़ रहा कोरोना का डर, महिला की अर्थी उठाने के लिए नहीं मिले चार लोग, ठेले से पहुंचाया शव

कोरोना का डर सभी में व्यापत हैं जो कि होना भी चाहिए, लेकिन इसी वजह से संवेदनाओं की हत्या हो जाए तो चिंता की बात हैं। इसका एक नजारा देखने को मिला मंगलवार को कोटा के दुर्गा बस्ती में जहां एक महिला की सामान्य बीमारी से मौत हो गई लेकिन अर्थी को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिल पाए और फिर महिला एक शव को ठेले में रख मुक्तिधाम पहुंचाया गया। रिश्तेदार शहर के बाहर थे जो लॉकडाउन के चलते नहीं आ सके और पड़ोसियों ने अपने कदम पीछे हटा लिए।

पुलिस कंट्राेल रूम के साथ स्थित दुर्गा बस्ती में रहने वाली एक 65 वर्षीय महिला की मंगलवार काे सामान्य बीमारी की वजह से में घर पर ही मृत्यु हाे गई। अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। कुछ रिश्तेदार शहर से बाहर थे, लॉकडाउन के कारण वाे नहीं आ सके। माेहल्ले के लाेग काेराेना के खाैफ और 11 बजे के बाद के लाॅकडाउन के कारण साथ न जा सके। केवल 1-2 पड़ाेसी ही आए। महिला के पति ने शव वाहन के लिए दाे-तीन संस्थाओं काे फाेन किए ताे पता चला कि शहर में मृत्यु इतनी हुई है कि सभी वाहन शाम तक बुक हैं। तीन जने अर्थी काे मुक्तिधाम तक नहीं ले जा सकते थे। अंत में जब कुछ व्यवस्था नहीं हुई ताे पति ने हाथ ठेला लिया और उसमें अर्थी रखकर किशाेरपुरा मुक्तिधाम पहुंचा। वहां व्यवस्थाएं संभालने वाले माेईद अनवर ने परिजनों के साथ में लगकर चिता से लेकर अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था की।