
चंडीगढ़ । डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर 13वीं बार फरलो पर सिरसा पहुंचे हैं। इस बार उन्हें 21 दिन की फरलो मिली है, हनीप्रीत उसे लेने पहुंची। वह पुलिस की कड़ी सुरक्षा में राम रहीम को लेने पहुंची। रोहतक की सुनरिया जेल से बाहर आने के बाद वो सिरसा डेरे के लिए रवाना हो गया। वे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा परिसर में ही रहेंगे। इस अवधि में डेरा प्रमुख विभिन्न धार्मिक व सेवाभावी कार्यक्रमों में भाग लेंगे। लेकिन 29 अप्रैल को डेरा स्थापना दिवस को लेकर प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख का स्थापना दिवस है। ऐसे में यहां कई बड़े कार्यक्रम होने की संभावना है, जिसे देखते हुए कथित तौर पर गुरमीत राम रहीम ने सिरसा में ही रहने का फैसला किया है।
29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा की 77वीं वर्षगांठ है। इसे लेकर देश-विदेश से लाखों की संख्या में अनुयायियों के आने की संभावना है। भले ही डेरा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर 40 सेकंड का वीडियो संदेश जारी कर अनुयायियों से डेरे में न आने की अपील की हो, लेकिन पिछले अनुभवों को देखते हुए प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
वीडियो में राम रहीम ने कहा कि अप्रैल का महीना स्थापना माह है। सभी को बहुत-बहुत बधाई। यह साईं जी की सेवा का महीना है। सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि आप अपने-अपने घरों में ही रहें और सेवा कार्य करें। साध संगत पर हमें गर्व है। इसके बावजूद, सिरसा में डेरा परिसर के आसपास लोगों की आवाजाही बढ़ गई है। कई लोग वीडियो और फोटो लेने पहुंचे, जिन्हें डेरा अनुयायियों ने रोका और रिकॉर्डिंग डिलीट करने को कहा। यह घटनाएं पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं, क्योंकि मौके पर सुरक्षा बेहद सीमित नजर आई।
पिछली बार भी रही थी ढिलाई पिछली बार जब राम रहीम को 28 फरवरी को 30 दिन की फरलो मिली थी, तब उन्होंने 10 दिन सिरसा में और शेष उत्तर प्रदेश के बरनावा में बिताए थे। उस दौरान भी सिरसा में बड़ी संख्या में अनुयायी जुटे थे। इस बार भी ऐसा ही माहौल बनने के आसार हैं।
प्रशासन की तैयारी पर सवालस्थापना दिवस के मौके पर सिरसा में लगभग 50 हजार से अधिक अनुयायियों के जुटने की संभावना जताई जा रही है। अगर अनुयायी बड़ी संख्या में पहुंचे, तो सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अभी तक की तैयारियों को देखकर ऐसा लगता है कि पुलिस बल की तैनाती नाकाफी है।
यौन शोषण मामले में सजा पाने के बाद गुरमीत राम रहीम को 13 बार पैरोल मिल चुकी है, जिसे लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को 20 दिन की पैरोल मिली थी, तो कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह आशंका जाहिर की थी कि वह चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस ने अपने पत्र में चुनाव आयोग से मांग की थी कि बाबा राम रहीम को मिली पैरोल को तुरंत खारिज किया जाए। कांग्रेस ने अपने पत्र में बाबा राम रहीम को मिली पैरोल की टाइमिंग पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि उसे ऐसे वक्त में पैरोल मिली है, जब चुनाव में महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और हरियाणा में बड़ी संख्या में उसके अनुयायी हैं। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि राम रहीम अपने मुताबिक मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है।
इसी तरह, अगस्त 2023 में 21 दिन की फरलो और 7 फरवरी, 2022 को दी गई एक और फरलो- पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले दी गई जिसकी काफी आलोचना भी हुई थी। जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भी गुरमीत राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी।
बता दें कि 2017 में दो साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार की हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई थी।