कर्नाटक की सियासी दंगल में अब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी भी कूद पड़े हैं। जेठमलानी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष याचिका दायर कर कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के खिलाफ त्वरित सुनवाई के लिए आवेदन किया। जेठमलानी ने राज्यपाल के फैसले को 'संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग' बताया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि गुरुवार तड़के कर्नाटक मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच शुक्रवार को इस पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक चुनाव में राज्यपाल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कांग्रेस की अर्ज़ी पर आधी रात को सुनवाई की। गुरुवार तड़के सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने इस बात को माना है कि विश्वास मत साबित करने के लिए दिए गए 15 दिन के समय पर सुनवाई हो सकती है। साथ ही कोर्ट ने कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी को खारिज भी नहीं किया है और उस पर आगे सुनवाई होगी।
जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की बेंच ने इस मामले में बीएस येदियुरप्पा समेत बाक़ी पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। इसी सुनवाई में कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा से गुरुवार दोपहर दो बजे विधायकों की लिस्ट सौंपने को कहा है और इसके बाद इस मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे होगी।