जम्मू। राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमल इलाके में करीब 24 घंटे से चल रही आतंकवादियों और सेना के बीच जारी मुठभेड़ में गुरुवार को बड़ी कामयाबी मिली। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, जिनमें से एक आतंकवादी प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा सरगना बताया जा रहा है। वह पाकिस्तान का रहने वाला है और आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।
हालांकि, इस मुठभेड़ में दो और जवान घायल हो गए हैं। इससे पहले बुधवार को आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया था। वहीं, आज एक और जवान के शहीद होने से मुठभेड़ में शहीदों की संख्या पांच हो गई है।
गौरतलब है कि सुबह करीब 10 बजे 22 नवंबर को शुरू हुई इस आतंकी मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो कैप्टन और दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं। वह मुठभेड़ स्थल से बच्चों और महिलाओं को निकालने की कोशिश कर रहे थे कि अचानक आतंकियों ने गोलियों की बौछार कर दी। गोलियों की चपेट में एक कैप्टन की मौके पर ही मौत हो गई जब कि अन्य तीन ने अस्पताल में दम तोड़ा।
लश्कर का बड़ा सरगना मारा गयापीआरओ डिफेंस के अनुसार चल रहे ऑपरेशन में क्वारी नाम का एक आतंकवादी मारा गया। वह पाकिस्तान का नागरिक था। उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया था और वह लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय था। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। उसे इलाके में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। वह आईईडी में विशेषज्ञ था। ये गुफाओं में छिपकर काम करने में एक्सपर्ट था। वह एक प्रशिक्षित स्नाइपर था।
सूत्रों के अनुसार इलाके में आतंकवादियों के एक समूह की आवाजाही के बारे में इनपुट मिलने के बाद विशेष बलों सहित सैनिकों को इलाके में तैनात किया गया। विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कालाकोट क्षेत्र, गुलाबगढ़ वन और राजौरी जिले में संयुक्त अभियान शुरू किया गया। जम्मू-कश्मीर के राजौरी के कालाकोट इलाके में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान पर भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा, 'आतंकवादी घायल हो गए हैं और घिरे हुए हैं। इस बीच सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी है।
इन्होंने दिया बलिदानराजौरी मुठभेड़ में राष्ट्रीय राइफल 63 के कैप्टन एमवी प्रांजल व 9 पैरा के कैप्टन शुभम ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके साथ ही दो वीर सैनिकों ने भारतीय सेना के गौरव की रक्षा करते हुए अपनी जान पर खेल गए। इसमें जम्मू कश्मीर के पुंछ के हवलदार माजिद भी शामिल हैं। पैरा 9 के मेजर मेहरा को भी चोट लगी है। उन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर कमांड अस्पताल में पहुंचाया गया है।
खाना नहीं दिया तो पीटाजम्मू कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि आतंकी कई दिनों से कालाकोट जंगल में छिपे हैं। इन्होंने मंगलवार को बाजीमाल इलाके में ही एक गुर्जर व्यक्ति की पिटाई कर दी। आतंकियों ने गुर्जर व्यक्ति से खाना मांगा था लेकिन उसने खाना देने से मना कर दिया था। इसके बाद आतंयकियों ने उसे बहुत पीटा और जंगल में भाग गए। गुर्जर जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में भेड़, बकरी और अन्य जानवर चराते हैं।