राजनाथ सिंह के परमाणु हथियारों पर दिए बयान से घबराया पाकिस्तान, विदेश मंत्री कुरैशी ने कही ये बात

सरहद पार से जारी लगातार नापाक हरकतों पर शुक्रवार को पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि विषम परिस्थितियों में भारत परमाणु हथियारों के लिए 'पहले इस्तेमाल न करने' की अपनी नीति में बदलाव कर सकता है। राजनाथ सिंह के इस बयान को पाकिस्तान ने चेतावनी समझ लिया है। इसके बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत का यह बयान बताता है कि वह हिंसा के लिए आतुर है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नेहरू के इंडिया को खाक कर दिया। भारत की नीति 'डोभाल सिद्धांत' के इर्द-गिर्द घूम रही है। कुरैशी ने कहा 'हिंसा के लिए आतुर भारत की ओर से यह एक और चेतावनी है। पाकिस्तान के लगातार प्रयास से 1965 के बाद पहली बार कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई है। इतिहास गवाह है कि युद्ध को उकसावा देना वाला देश कभी जीत नहीं सकता।' कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर संयम बनाए रखने के पक्ष में रहा है। साथ ही उसने ऐसे उपायों को अपनाने से परहेज किया है जो स्वभाव से आक्रामक हैं। पाकिस्तान अपने इस रूख पर हमेशा कायम रहेगा।

वहीं, पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि कल राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया। हम मानते हैं कि पारंपरिक युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है। लेकिन जिस तरह से भारत आगे बढ़ रहा है, तो हम भी विकल्प को नजरअंदाज नहीं कर सकते। मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, 'कश्मीर एक न्यूक्लियर प्वॉइंट है। वहीं दुनिया को भारत के रक्षा मंत्री की ओर से परमाणु हथियार के प्रयोग वाले बयान पर गौर करने की जरूरत है।'

जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से बनाई गई कश्मीर कमेटी की शनिवार को पहली बैठक हुई। इस कमेटी में सात सदस्य हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी की अध्यक्षता में हुई। कमेटी के अन्य सदस्यों में आईएसआई हेड जनरल फैज हमीद लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद, मेजर जनरल आसिफ गफूर, कानून मत्री नसीम, प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सलाहकार फिरदौस आशिक , अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस कमेटी को बीते छह अगस्त को बनाया था, जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को हटाने का निर्णय लिया था।