राजस्थान: थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में बढ़ाया महिलाओं का आरक्षण, विरोध में सड़कों पर उतरे युवा

बाड़मेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के एक निर्णय ने युवाओं को आक्रोशित करते हुए सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है। धौलपुर में व्यापक रूप से किए गए प्रदर्शन के बाद अब युवाओं ने बाड़मेर में सरकार के खिलाफ मोर्चो खोल दिया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशन करने का फैसला कर इसमें संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इसी का विरोध करते हुए युवाओं ने पहले धौलपुर में प्रदर्शन किया था और अब बाड़मेर में युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आरक्षण बढ़ाने के विरोध में बाड़मेर के बेरोजगार युवा बुधवार को सड़कों पर उतर आए। युवाओं ने रैली निकालकर जिला कलक्ट्रेट पर हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही जिला कलक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

प्रदर्शन के दौरान बाड़मेर बेरोजगार युवा संघ के संयोजक देवराम ने कहा कि इस आरक्षण से पुरुष युवाओं का हक मारा जा रहा है। उन्होंने कहा- जब तक जातिगत जनगणना नहीं हो, तब तक आरक्षण में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जाए।

दरअसल, पिछले दिनों सीएम भजनलाल शर्मा ने ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का फैसला कर इसमें संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इस फैसले को लेकर सरकार का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना है। सीएम ने इस फैसले की घोषणा नई भर्ती से पहले की है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में ग्रेड थर्ड टीचर के करीब 27 हजार पद खाली हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले बजट में भजनलाल सरकार इन पदों पर भर्ती की घोषणा कर सकती है। नई भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। जिससे अधिक महिलाएं भर्ती में चयनित हो सकेंगी।



उल्लेखनीय है कि बाड़मेर से पहले धौलपुर में सरकार के इस निर्णय से नाराज युवाओं ने गांधी पार्क में बैठकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अर्द्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन किया। युवाओं ने बैठक करने के बाद जिला कलेक्टर कार्यालय तक आक्रोश रैली भी निकाली। जिला कलेक्टर श्री निधि बीटी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। युवाओं ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने आरक्षण को यथावत नहीं रखा तो प्रदेश के युवा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।