उदयपुर : इलाज में लापरवाही ने तबाह की मरीज की जिंदगी, वसूला जाएगा 17 लाख का जुर्माना

उदयपुर में इलाज में लापरवाही का एक मामला सामने आया था जिसने एक मरीज की जिंदगी को तबाह कर दिया। इस मामले में राजस्थान उपभोक्ता आयोग ने गीतांजलि मेडिकल कॉलेज और यहां तैनात ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. एके गुप्ता से करीब 17 लाख 34 हजार रुपए का जुर्माना लगाया हैं। आयोग के न्यायिक सदस्य रामफूल गुर्जर ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। इसमें इलाज पर हुए खर्च के लिए 1 लाख 84 हजार 284 रुपए, शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 12 लाख, भविष्य में इलाज करवाने के लिए 3 लाख और परिवाद खर्च के लिए 50 हजार रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है।

आयोग में स्वेच्छा कोठारी ने अर्जी लगाई कि उसका अप्रैल 2008 में नाक के अंदर मांस बढ़ने (नोजल पोलिप) की शिकायत के बाद उदयपुर के गीतांजलि हॉस्पिटल में डॉ. एके गुप्ता ने ऑपरेशन किया। बिना सिटी स्कैन करवाए और लापरवाही बरतने के कारण ऑपरेशन के दौरान मरीज को ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद परिजन मरीज को अहमदाबाद ले गए, जहां उसके ब्रेन का ऑपरेशन हुआ। मरीज की जान तो बच गई, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि वह अब सामान्य जीवन नहीं जी सकेगी। डॉक्टर ने बताया कि भविष्य में वह न तो गाड़ी चला सकेगी और न ही आग व पानी के पास जा सकेगी। इसके अलावा ऊंचाई वाली जगहों पर भी नहीं चढ़ सकेगी। मरीज के परिजनों ने डॉ. एके गुप्ता और गीतांजलि हॉस्पिटल के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अर्जी लगाई। आयोग ने डॉक्टर और हॉस्पिटल पर जुर्माना लगाया।