राजस्थान : दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध की रोकथाम के लिए समाज के लोगों और नेतृत्व कर्ताओं को जागरुक करना होगा - महानिरीक्षक पुलिस

जयपुर । गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के सेंट्रल डिटेक्शन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट द्वारा राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में ’’परसेप्शन मैनेजमेंट एंड कैपेसिटी बिल्डिंग ऑन क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट ऑडनेंस-2018’’ विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया।

सेमीनार के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि महानिरीक्षक अपराध हरिप्रसाद शर्मा ने कहा की दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध की रोकथाम के लिए समाज और नेतृत्व कर्ताओं को जागरूक करना होगा। बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती शहरीकरण अपराध का मुख्य कारण है। उन्होंने अपराधों के संबंध में दर्ज होने वाले विभिन्न मुकदमों के बारे में विश्लेषणात्मक जानकारी दी।

शर्मा ने कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के अनुसंधान का सही व निष्पक्ष से अनुसंधान करना चाहिए और निर्दोष व्यक्ति को बचाना चाहिए। दुष्कर्म जैसे अपराधों की सजा कठोर होनी चाहिए तथा जुर्माना राशि भी अधिक होनी चाहिए। न्यायालय में भी ठोस सबूतों के साथ मुकदमे पेश करने चाहिए।

सेमीनार के दोनों सत्रों में वक्ताओं ने पैनल डिस्कशन में अपने विचार व्यक्त किये। विचारों के अनुसार केवल कानून बना देने से ही अपराधों पर रोकथाम संभव नहलृ है। इसके लिए सामूहिक रूप से प्रयास किए जाने चाहिए। गवाहों को पूरी सुरक्षा व अपराधों की रोकथाम के लिए बच्चों को शुरू से ही नैतिक शिक्षा दी जानी चाहिए। वर्तमान में साइबर अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जनचेतन जागृत के कार्यक्रम आयोजित किये जाने व स्कूल सिलेबस में की साईबर अपराधों के बारे में जानकारी दिये जाने की आव6यकता प्रतिपादित की गई। सेमीनार में वक्ताओं ने साईबर अपराधों की रोकथाम के लिये स्पेशल टास्क फोर्स के गठन, साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए जाने के साथ ही सोशल मीडिया के उपयोग के लिए गाइडलाइन जारी करने की आव6यकता जताई। अन्य वक्ताओं ने घरेलू ऋृहसा कानून के तहत महिलाओं को पूरी सुरक्षा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया।

सेमीनार में दो सत्रों में पैनल डिस्कशन किया गया। प्रथम सत्र में ’’लीगल फॉर्मेट्स फॉर ए सेफ़र सोसाइटी फॉर वुमन’’ विषय पर मॉडरेटर टीवी एंकर डॉ. अनिता हाडा तथा वक्ता एसोसिएट प्रोफेसर लॉ कॉलेज श्री मनोज मीणा, स्वयंसेवी संस्था की प्रतिनिधि श्रीमती निशा सिद्धू,एडवोकेट श्री शैलेंद्र शर्मा,एसोसिएट प्रोफेसर महारानी कॉलेज श्रीमती वंदना अग्रवाल ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।

दूसरे सत्र में ’’अंडरस्टिंडग द विक्टिम एंड द एक्यूज्ड फॉर ए होलिस्टिक जस्टिस’’ विषय पर मॉडरेटर सेवानिवृत्त आरएएस श्री एस.एस. बिस्सा तथा वक्ता पूर्व अध्यक्ष महिला आयोग श्रीमती लाड कुमारी जैन, उपप्राचार्य लॉ कॉलेज डॉ. अभिषेक तिवारी, एसोसिएट प्रोफ़ेसर महारानी कॉलेज डॉ. एकता मीणा एवं साइकोलोजिस्ट डॉ. अनामिका पापडीवाल ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सेंट्रल डिटेक्शन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट जयपुर के उप प्राचार्य श्री राजेश कुमार ने इंस्टिट्यूट एवं सेमीनार के बारे में जानकारी दी एवं आगंतुकों का स्वागत किया। सेमीनार में रिसर्च स्कॉलर लॉ के स्टूडेंटस, अभियोजन अधिकारी,एनजीओ प्रतिनिधि, एडवोकेट्स एवम पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पुलिस उपाधीक्षक विष्णु देव सामतानी ने किया।