बूंदी। गांव-गांव राहत पहुंचाने का वृहत् अभियान न्याय आपके द्वार अब आधे से ज्यादा सफर पूरा कर चुका है। बूंदी जिले में इस अभियान के तहत लगभग 63 हजार से अधिक राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। इनके अलावा हजारों लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं में लाभान्वित किया गया है। न्याय आपके द्वार अभियान 29 जून तक जारी रहेगा। लंबे समय से अपनी जमीन का खातेदारी अधिकार पाने, खातों में संशोधन, नामान्तरकरण आदि कार्यों के लिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय और तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने पड रहे थे। इसके बावजूद कार्य नहीं होने पर मायूसी हाथ लग रही थी। ऎसे में प्रदेश सरकार ने लोगों की इस पीड़ा को समझते हुए राज्य में राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान का आगाज किया। इस अभियान का मूल ध्येय भी यही रखा गया कि ग्रामीणों की राजस्व संबंधी समस्या का मौके पर ही समाधान हो और राहत मिले।
जिला कलक्टर श्री महेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि एक मई से शुरू हुए न्याय आपके द्वार अभियान का उद्देश्य मुख्यत लम्बित राजस्व मामलों का निस्तारण किया जाना है। बरसों पुराने मामलों का सहज तरीके से निपटान प्राथमिकता पर हाथ में लिया गया है। इसके तहत बूंदी जिले में उपखण्ड अधिकारी स्तर पर साढे पांच सौ से अधिक पुराने मामले निपटाए गए हैं। नए प्रकरण 6 हजार से अधिक हैं जिनका शिविरों में राजीनामे से हल किया गया है। तहसीलदार स्तर के 56 हजार से अधिक प्रकरण निस्तारित किए गए हैं।
खत्म हुआ इंतजार, मिल गए खातेदारी अधिकार10 वर्ष, 20 वर्ष, 40 साल, ऎसे एक-दो नहीं खातेदारी अधिकार के कई मामले राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान के दौरान सामने आए। बरसों से अपनी जमीन का खातेदारी का अधिकार पाने की जद्दोजहद करने वाले ग्रामीणों का इंतजार आखिरकार राजस्व शिविरों में जाकर खत्म हुआ और इन्हें इनके मालिकाना हक की जमीन का खातेदारी अधिकार मिल गया। इस हक के लिए बरसों से बाट जोह रहे खेत मालिकों के लिए यह अभियान किसी वरदान से कम नहीं। शिविरों में सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी से इनके यह काम हाथों हाथ हो रहे हैं। इन शिविरों में वहीं कुछ पेचीदा मसलों का भी त्वरित निस्तारण संभव हुआ है। बूंदी जिले में राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान के तहत अब तक आयोजित शिविरों में 336 आवेदनों का निस्तारण करते हुए गैर खातेदारी से खातेदारी के अधिकार देकर राहत प्रदान की जा चुकी है। इनमें उपखण्ड स्तर पर 210 तथा तहसील स्तर पर 126 खेत मालिकों को गैर खातेदारी से खातेदारी के अधिकार दिए गए हैं।
सौहार्द के साथ निपटे बंटवारे के पेचीदे मामलेबंटवारे जैसे पेचीदे मामलों के लिए ये शिविर हमेशा याद रखे जाएंगे। आमतौर पर बंटवारे के मामलों में अधिक पक्षों के होने की स्थिति में सहमति नहीं बन पाती और विवादपूर्ण स्थितियां भी बन जाती हैं और मामले लम्बित होते जाते हैं। राजस्व शिविरों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि ऎसे पेचीदे मामलों को शिविरों में बड़ी ही सूझबूझ के साथ सौहाद्रपूर्ण माहौल में सुलझा कर बंटवारे किए गए। इसके लिए उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं स्टाफ द्वारा पूर्व शिविरों का आयोजन कर ऎसे मामलों का चिह्वीकरण करते हुए सभी पक्षों से अलग-अलग बातचीत कर सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित किया गया। न्याय आपके द्वार शिविरों में बंटवारे के 690 मामले निपटाए गए।
बरसों से झेल रहे थे त्रुटियों की मार, मौके पर हुई खाता दुरुस्तीखातों में गलत सूचनाएं इन्द्राज होने के कारण बडी संख्या में लोग समस्याओं से जूझ रहे थे। अपनी जमीन होने के बावजूद सही सूचनाएं दर्ज नहीं होने के कारण विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। शिविरों में ऎसे मामलों को प्राथमिकता से लेते हुए लोगों को राहत दी गई। त्रुटि सुधार के 6 हजार से अधिक प्रकरणों का शिविरों में मौके पर ही निस्तारण कर ग्रामीणों को राहत दी गई।
शिविरों में सीमाज्ञान, पत्थरगढी, रास्ता, इजराय के मामले ही चंद घंटों में निपटेराजस्व शिविरों में सीमाज्ञान, पत्थरगढी, रास्ता, इजराय आदि के मामले भी बडी संख्या मेंं आए। सीमाज्ञान के 1137 राजस्व नकल के 17 हजार से अधिक, एक्ट 135 के तहत 11227, 136 के तहत 1531, 88 के तहत 106, 53 के तहत 84 सहित कुल 57 हजार से अधिक मामले अब तक निपटाए जा चुके हैं।