जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज स्थित यूजी हॉस्टल में एमबीबीएस में फाइनल ईयर छात्र ने हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट गिनाराम देवासी ने मानसिक तनाव में देर रात को हॉस्टल में कमरे में खुदकुशी कर ली। मरने से पहले गिनाराम देवासी ने सुसाइड नोट में लिखा कि वो स्ट्रगल और स्ट्रेस से थक गया है। यह लिखकर छात्र पंखे से फांसी लगा ली। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में लिखा था- 'पापा मम्मी सॉरी, चाचू सॉरी, जिंदगी में स्ट्रगल व स्ट्रेस से थक गया हूं, अब आगे जिंदगी नही जी सकता।' जानकारी के मुताबिक, शनिवार को रात करीब साढ़े 8 बजे साथ में पढ़ने वाले स्टूडेंट ने फाइनल ईयर स्टूडेंट गिनाराम देवासी को खाना खाने के लिए चलने को लेकर रुम पर आवाज लगाई, लेकिन उसने कोई जवाब नही दिया। इस पर छात्र ने दूसरे छात्रों को बताया। कई छात्र वहां पर आए और उसे आवाज दी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो छात्रों ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया। अंदर देखा कि गिनाराम पंखे पर लटका हुआ है।
उसके बाद छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रसासन व पुलिस को गिनाराम के सुसाइड की सूचना दी गई। इस बीच मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व सीनियर डॉक्टर भी हॉस्टल पहुंच गए। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ जीएल मीणा ने बताया कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट गिनाराम ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इसके कारणों की जांच की जा रही है। आत्महत्या की सूचना मिलते ही शास्त्रीनगर पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने शव को नीचे उतारकर मोर्चरी में रखवा दिया है। थाना अधिकारी ने बताया कि मेडिकल स्टूडेंट ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।यूजी हॉस्टल नंबर 2 के तीसरी मंजिल पर कमरा नम्बर 326 में गिनाराम देवासी रहता था। जालौर में रहने वाला गिनाराम देवासी के कमरे से एक पेज का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपने माता-पिता से सॉरी कहा है। उसने लिखा, 'पापा व मम्मी सॉरी, चाचू सॉरी, जिंदगी में स्ट्रगल व स्ट्रेस से थक गया हूं।'