PM मोदी को मनमोहन सिंह ने दिया 5 हजार अरब डॉलर की इकॉनमी बनाने का मंत्र, कहा - सोची-समझी रणनीति की जरूरत

देश को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को मंत्र दिया है। जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित आर्थिक सुधार जारी रखकर ही रणनीति बनाकर भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद तथा भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं।

मनमोहन सिंह ने कहा, इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। किसान संकट में हैं। बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है। जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है। निवेश की दर स्थिर है। भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए देश को एक अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति की जरूरत है।

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को टैक्स आतंकवाद रोकना चाहिए, भिन्न विचारों की आवाजों का सम्मान करना चाहिए और सरकार के हर स्तर पर संतुलन बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखना समय की मांग है।

गौरतलब है कि बतौर केंद्रीय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में देश में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति लागू की थी।

कार्यक्रम में मनमोहन सिंह को जेकेएलयू लॉरेट अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया है। सिंह ने कहा कि अधिनायकवादी शासन की अपेक्षा व्यावहारिक लोकतंत्र का निश्चित तौर पर लाभ होता है। उन्होंने आर्थिक विकास के मामले में चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के देशों में जहां नागरिकों को प्राथमिक तौर पर आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित रखने को कहा जाता है और एक ऐसा वातावरण तैयार कर दिया जाता है जहां निजी आजादी की कुर्बानी को सही ठहरा दिया जाता है।