जयपुर / भीगने से बची 2400 साल पुरानी ममी, 130 साल में पहली बार शोकेस से निकालना पड़ा बाहर

जयपुर में 14 अगस्त को हुई भीषण बारिश (7.36 इंच) से पहली बार अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में 4 फीट तक पानी भर गया। इससे म्यूजियम के बेसमेंट की गैलरी में रखी 2400 साल पुरानी ममी के 4 फीट ऊंचे बॉक्स तक पानी पहुंच गया, लेकिन इसे समय रहते सुरक्षित जगह ले जाया गया। तूतू नाम की महिला की यह ममी मिस्र के प्राचीन नगर पैनोपोलिस के अखमीन इलाके से 2300 साल पहले मिली थी। इसे 130 साल पहले भारत लाया गया था। यह 322 से 30 ईसा पूर्व के टौलोमाइक युग की है। यह महिला खेम देवता के उपासक पुरोहितों के परिवार की सदस्य थी। अप्रैल 2017 में इस ममी को जयपुर के अलबर्ट हॉल के बेसमेंट में शिफ्ट किया गया था। इसके साथ-साथ यहां इसका इतिहास, जन्म-मृत्यु का संबंध, ममी बनाने का तरीका और इस ममी का एक्स-रे लोगों के सामने पेश किया गया था।

अल्बर्ट हॉल के अधीक्षक डॉ राकेश छोलक ने बताया कि महज 4-5 इंच का फासला बचा था। ऐसे में 5 मिनट की भी देरी होती तो ममी डूब जाती और इस नुकसान की कभी भरपाई नहीं हो पाती, लेकिन समय रहते कांच तोड़कर ममी को निकाल लिया गया। मिस्र से लाई गई इस ममी को अल्बर्ट हॉल में लाए 130 साल से भी ज्यादा समय हो गया है। यह पहला मौका था, जब इसे बक्से से बाहर जमीन पर रखना पड़ा।

14 अगस्त की बारिश में पुरातत्व विभाग के हेड ऑफिस में भी 5 फीट तक पानी भर गया था, जिससे राज्य के सभी विभागों की सैकड़ों फाइलें भीग गईं। बीते चार दिन से अधिकारी और कर्मचारी एक-एक फाइल को सुखाने में जुटे हुए हैं। पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा ने बताया कि ऑफिस में 5 फीट तक पानी भरने से सभी फाइल भीग गईं। लैपटॉप, प्रिंटर, कंप्यूटर में से कुछ भी नहीं बचा। भीगी हुई सैकड़ों फाइलें 4 दिन से सुखाई जा रही हैं।

प्रकाश चंद्र शर्मा ने बताया कि 7 दिन के लिए टूरिस्ट की एंट्री बंद है। हालात ठीक नहीं हुए तो इसे यह रोक और बढ़ाई जा सकती है। करीब 2-3 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।