जयपुर। गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में 20 इन्टरसेप्टर्स एवं 14 जीपीएस युक्त मोटरसाईकल्स को हरी झण्डी दिखाकर गन्तव्य के लिए रवाना किया। उन्होंने खरीदे गये 500 ई चालान डिवाईसेज में से 5 डिवाईसेज सम्बन्धित यातायात निरीक्षकों को प्रदान की। उन्होंने पुलिस मुख्यालय में बनाये गये सेन्ट्रल अभय कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर का भी शुभारम्भ किया।
यातायात पुलिस की कार्यक्षमता के साथ ही विश्वास भी बढेगाकटारिया ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में विश्वास व्यक्त किया कि रोड सेफ्टी फण्ड से प्राप्त संसाधनों से यातायात पुलिस की कार्य क्षमता में और अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार व्यक्तियों की सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु होती है एवं इससे उनके परिजनों के समक्ष गम्भीर संकट उत्पन्न हो जाता है। उन्होंने बताया कि कुल दुर्घटनाओं मेें से लगभग 35 प्रतिशत दुर्घटनाओं के शिकार दुपहिया वाहन चालक होते है। साथ ही कुल दुर्घटनाओं में 30 प्रतिशत का कारण शराब का सेवन करना है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से यातायात पुलिस की कार्यक्षमता के साथ ही विश्वास भी बढेगा।
क्षमता संर्वधन के साथ ही मनोबल में भी वृद्धिगृहमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस वर्ष के बजट में पुलिस के संसाधनों की वृद्धि एवं पुलिस कर्मियों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया है। मैस भते को 1600 रूपये से बढाकर 2000 हजार रूपये करने के साथ ही होमगार्ड को प्रतिदिन देय भता 350 रूपये से बढाकर 693 रूपये किया गया है। इन सुविधाओं से पुलिस कर्मियों की क्षमता संर्वधन के साथ ही मनोबल में भी वृद्धि होगी। श्री कटारिया ने कहा कि आम आदमी अपनी समस्याएं लेकर बिना किसी डर के वरिष्ठ अधिकारियों से मिल लेता है। उन्होंने पुलिस थानों में भी इसी प्रकार का वातावरण बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की, जिससे बिना किसी भय के आम आदमी थाने में जाकर अपनी समस्याएं बता सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से टीम भावना व अन्र्तमन के साथ आम नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए तत्परता से कार्य करने का आहृान किया।
रोडसेफ्टी फण्ड से 7 करोड 76 लाख रूपये की राशि का आवंटनमहानिदेशक पुलिस श्री ओ.पी. गल्होत्रा ने बताया कि वर्ष 2017-18 में रोडसेफ्टी फण्ड से पहली बार पुलिस को 7 करोड 76 लाख रूपये की राशि का आवंटन हुआ है। इसमें से कुल 3 करोड 20 लाख रूपये की राशि से 20 नये इन्टरसेप्टर्स खरीदने के बाद अब पुलिस के पास कुल 76 इन्टरसेप्टर्स उपलब्ध हो गये हैं। नये इन्टरसेप्टर्स आने से अब प्रत्येक जिले में न्यूनतम एक-एक इन्टरसेप्टर उपलब्ध रहेगा। रोडसेफ्टी के बारे में प्रचार प्रसार करने के लिए 25 लाख रूपये की लागत से एक रोडसेफ्टी प्रदर्शनी वाहन एवं 10.5 लाख रूपये की कीमत की 14 जीपीएस युक्त मोटरसाईकले भी खरीदी गई है।
500 हैण्ड-हेल्ड ई-चालान डिवाईसेजश्री गल्होत्रा ने बताया कि इस राशि से ही 45 लाख रूपये की लागत से 5 पोर्टेबल स्पीड लेजर गन खरीदी गई है। इन्हें दोनाें कमिश्नरेट व तीन अन्य जिलों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। रोडसेफ्टी उपकरणों की खरीद व अन्य सुधार कार्यों के लिए प्रत्येक थाने को 10-10 हजार रूपये की राशि व प्रशिक्षण के लिए कुल 4 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है। साथ ही 2 करोड 5 लाख रूपये की राशि से कुल 500 हैण्ड-हेल्ड ई-चालान डिवाईसेज खरीदी गई है। इस खरीद के बाद अब जयपुर व जोधपुर के साथ ही 12 अन्य जिलों को भी यह डिवाईस उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि तकनीक के बेहतर उपयोग से सडक सुरक्षा के क्षेत्र में और वृद्धि होगी ।
सभी सम्भागीय मुख्यालयों पर अभय कमाण्ड एंड कन्ट्रोल सेन्टर स्थापितमहानिदेशक ने सेन्ट्रल अभय कमाण्ड एंड कन्ट्रोल सेन्टर के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग की पहल पर सभी सम्भागीय मुख्यालयों पर अभय कमाण्ड एंड कन्ट्रोल सेन्टर स्थापित किये जा चुके हैं। इस सभी स्थानों पर यह केन्द्र कार्यरत है। उन्होंने बताया कि लगभग एक वर्ष की अवधि के दौरान जयपुर के 100 नम्बर पर कुल 10 लाख से अधिक कॅाल्स की सूचना हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर में 504 कैमरे स्थापित करने के साथ ही सातों सम्भागीय मुख्यालयों पर कुल 1575 कैमरे स्थापित किये जा चुके है। सातों सम्भागीय मुख्यालयों पर कुल 12 हजार 280 कैमरे लगाये जायेंगेे। गृहमंत्री ने सेन्ट्रल अभय कमाण्ड एंड कन्ट्रोल सेन्टर का शुभारम्भ करने के बाद वहां की कार्य प्रणाली की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने जयपुर में तीन स्थानों पर ड्रोन के द्वारा लिये जा रहे सजीव दृश्यों का अवलोकन किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह केन्द्र प्रदेश भर में पुलिस वाहनों की मोनिटरिंग के साथ ही आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी रोकथाम की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इस केन्द्र के प्रभारी पुलिस उप महानिरीक्षक श्री शरत कविराज ने गृहमंत्री को इस केन्द्र के कार्याें से अवगत कराया। इस केन्द्र में लगाई कुल 8 बडी स्क्रीन पर प्रदेश के सातों सम्भागीय मुख्यालयों पर स्थित अभय कमाण्ड एंड कन्ट्रोल सेन्टर्स की मोनिटरिंग के साथ ही पुलिस के सभी वाहनों की पोजिशन के बारे में भी जानकारी ली जा सकेगी। इस केन्द्र द्वारा राजस्थान पुलिस की सम्पत्तियों,नेटवर्क,जीपीएस वाहन एवं अपराध विश्लेषण इत्यादि की सघन मोनिटरिंग की जा सकेगी। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री दीपक उप्रेती एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन श्री शैलेन्द्र अग्रवाल सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण भी मौजूद थे।