राजस्थान : अस्सी साल के बेसहारा गंगाराम के लिए वरदान बनी ऋण माफी - दो साल पहले चल बसा था इकलौता बेटा

पाली । पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दूदोड़ गांव में खेती-बाड़ी कर किसी तरह अपनी आजीविका चलाने वाले बुजुर्ग दंपत्ति गंगाराम व गंगाबाई की चिंता थी कि वे ग्राम सेवा सहकारी समिति से लिए अपने 70 हजार रुपए के फसली ऋण को कैसे चुका पाएंगे। ऎसे में राज्य सरकार की राजस्थान फसली ऋण माफी योजना उनके लिए वरदान बनकर आई है। योजना में मिलेे पचास हजार के सीधे लाभ ने उनकी सारी फिक्रें दूर कर दी हैं।

ऋण माफी के बाद कृतज्ञता भरे स्वर में गंगाराम बताते हैं कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ठीक नहीं है और किसी तरह खेती-बाड़ी कर वह और उसकी पत्नी गुजारा चलाते हैं। उनके इकलौते बेटे की दो वर्ष पहले बीमारी से मौत हो चुकी है और खेती के अलावा दूसरा कोई जीने का सहारा नहीं है। ऎसे में दोनों पति-पत्नी इस चिंता में घुलते रहते थे कि कैसे इस ऋण का निपटारा होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुसार जब अपने पचास हजार रुपए माफ होने की खबर उसे मिली तो एकबारगी उसे भरोसा ही नहीं हुआ। मंगलवार 5 जून को गांव में लगे शिविर में जब उसे ऋण माफी प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, तो खुशी और कृतज्ञता से उसकी आंखें भर आईं। अब वह और उसकी पत्नी राज्य सरकार का धन्यवाद करते नहीं थकते।

ऋण माफी की खुशी से भरी आंखों और भावुक स्वर में गंगाराम की पत्नी गंगाबाई कहती है कि दोनों पति-पत्नी को राज्य सरकार की ओर से पेंशन मिल रही है। खेती की आय और इस पेंशन के सहारे वे दोनों अपना गुजारा किसी तरह चला रहे हैं। ऋण माफी ने उनकी एक बड़ी चिंता का समाधान कर दिया है।

फसल ऋण माफी से लाभान्वित होने वाले ऎसे अनेक लोग हैं जो हजारों रुपए का एक-मुश्त लाभ पाकर फूले नहीं समा रहे। पीसीसीबी प्रबंध निदेशक एसएस राठौड़ के मुताबिक अकेले दूदोड़ क्षेत्र में 291 किसानों को 75.80 लाख रुपए की ऋण माफी का लाभ दिया गया है। दूदोड़ के ही करीब 60 वर्षीय पेमाराम ने बताया कि उसके 30 हजार 675 रुपए माफ किए गए हैं और वे अपने जीवन में पहली बार किसानों के लिए इतनी बड़ी योजना देख रहे हैं। इसी प्रकार 65 साल के किसान चुन्नीलाल ने बताया कि ऋण माफी से उसे जो आर्थिक लाभ हुआ है, यह राशि उसके खेतीबाड़ी में काम आएगी। गांव के गोरधन ने बताया कि जब उसे जीएसएस व्यवस्थापक ने ऋण माफी की सूचना दी तो बहुत अच्छा लगा। किसान हंसाराम ने बताया कि ऋण लेते समय कभी उसने सोचा भी नहीं था कि ऎसे ऋण माफ भी हो सकता है। उसका करीब 39 हजार रुपए का ऋण माफ हुआ है। एक किसान के लिए यह बहुत बड़ी राशि है। खेती-बाड़ी के अलावा बच्चों की पढाई में यह पैसे बहुत काम आएंगे।