Rajasthan News: CM गहलोत ने कहा - इस बार गांवों में भी फैल रहा कोरोना, रोजी-रोटी बचाने के लिए नहीं लगा रहे लॉकडाउन

राजस्थान में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 5,105 नए कोरोना मरीज मिले वहीं, 10 मौतें भी हुई है। इससे पहले शनिवार को 4401 कोरोना केस सामने आए थे। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'पिछली बार कोरोना गांव में नहीं फैला था, लेकिन अब गांवों में फैल रहा है। कोरोना से मरने वालों में 30% गांवों के हैं। छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र में हालात भयावह हो रहे हैं। हमारे डूंगरपुर, बासंवाड़ा, जालौर, उदयपुर की तरफ हालत बिगड़ रहे हैं। इन जिलों में गुजरात से आने वाले लोगों की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है।'

लॉकडाउन को लेकर सीएम ने कहा- 'रोजी-रोटी बचाने के लिए हम लॉकडाउन नहीं लगा रहे हैं। ताकि आजीविका चलती रहे, लेकिन जीवन बचाना भी जरूरी है। हमें सख्ती करनी होगी। शादी समारोहों में आने वाले लोगों की संख्या को पहले कम ​किया, अब और कम करेंगे।'

सीएम ने कहा- 'पहले कोरोना का डर था,अब लोगों में भय खत्म हो गया। जनता समझ नहीं रही है। लोग लापरवाह हो गए हैं। हमने सख्ती की है। नाइट कर्फ्यू लगाए हैं। रेस्टोरंट बंद किए हैं। शादी समाराहों में लोगों की संख्या और कम होगी। बहुत कम लोग मास्क लगा रहे हैं। हमारा मानना है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में पुलिस का सहयोग कम लेना चाहिए। ज्यादा लेंगे तो झगड़े होंगे, बदतमीजी होंगी। पर लोग मानेंगे ही नहीं तो क्या करेंगे? मृत्यु दर डबल हो गई है। वैक्सीन के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना की स्पीड डबल हो गई है। एक प्रकार से नया कोरोना आ गया है। यह बहुत खतरनाक है।'

वैक्सीन की कमी को लेकर सीएम ने कहा, 'राजस्थान ही नहीं आठ राज्यों में वैक्सीन की कमी है।' आपको बता दे, केंद्र सरकार ने आज 4 लाख वैक्सीन की डोज भेजी है। लेकिन यह केवल एक दिन की ही डोज है। वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र से मांग भी की है। उधर, प्रदेश में वैक्सीन की कमी के कारण रविवार को करीब 60% केंद्रों पर वैक्सीनेशन बंद था।

नए मरीज बढ़ने का सीधा असर एक्टिव केस पर भी पड़ा है। कोरोनाकाल में राज्य में एक्टिव केस पहली बार 30 हजार के पार पहुंच गए। शनिवार तक प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 27,906 तक पहुंच गई थी। एक अप्रैल को एक्टिव मरीज 9,563 थे। 10 दिन के भीतर ही ये 3 गुना से अधिक बढ़ गए। इस रफ्तार से एक्टिव केस बढ़ने के कारण अस्पतालों पर फिर दबाव आ गया है।