भाजपा के मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी से राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया है। कांग्रेस ने मंत्री के बयान का विरोध करते हुए सदन में हंगामा किया, जिसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इस निलंबन के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विरोध प्रदर्शन में बढ़ा तनावराजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़कर नारेबाजी की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी देखने को मिली।
सहमति बनते-बनते टूट गईविवाद को सुलझाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। माफी के मुद्दे पर मामला अटक गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सदन की वेल में आकर माफी मांगने को तैयार नहीं हैं, जबकि वे मंत्री कैलाश गहलोत से माफी मंगवाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
सदन की कार्यवाही स्थगितमाफी पर गतिरोध खत्म न होने के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। स्पीकर ने स्पष्ट किया कि पहले डोटासरा को माफी मांगनी होगी। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि पहले खेद जताने की सहमति बनी थी, जिसके बाद आगे की कार्यवाही होनी थी। फिलहाल, यह मुद्दा और तूल पकड़ता नजर आ रहा है।
पार्टी न केवल विधानसभा के अंदर बल्कि पूरे राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन कर रही है। सोमवार को कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था, जिसके तहत यूथ कांग्रेस और पार्टी कार्यकर्ताओं को जयपुर बुलाया गया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी और प्रताप सिंह खाचरियावास शामिल हैं, बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
बीजेपी पर विधानसभा कार्यवाही बाधित करने का आरोपकांग्रेस सांसद मुराली लाल मीणा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, जब भी लोकसभा या विधानसभा की कार्यवाही चलती है, बीजेपी जानबूझकर ऐसे बयान देती है जिससे सदन में अव्यवस्था फैले और जनता के मुद्दों पर चर्चा न हो सके। उनकी मंशा ही यही है कि विधानसभा की कार्यवाही बाधित रहे।
मुख्यमंत्री को माफी मांग लेनी चाहिएवहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से माफी की मांग की। उन्होंने कहा, सदन को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है। अगर वे माफी मांग लें, तो यह गतिरोध तुरंत खत्म हो सकता है।
फिलहाल, राजस्थान की सियासत में यह मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है और कांग्रेस के प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं।