राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नागौर जिले के मकराना में जनसभा को सम्बोधित कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर विवादित बयान दे डाला। अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के समय कहा था कि यदि उनका नोटबंदी का उद्देश्य सफल ना हो तो जनता चौराहे पर खड़ा कर उन्हें फांसी दे सकती है। अब लोग चौराहे पर खड़े नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रहे हैं।
गहलोत मोदी के खिलाफ यही नहीं थमे, गहलोत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां और जाति का नाम आते ही सहानुभूति बटोरने लगते है। लेकिन खुद इस बात का ध्यान नहीं रखते है की वे किन शब्दों से कांग्रेस के आला नेताओ को सम्बोधित करते रहे है। साथ ही बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाया की राजस्थान और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा की नीतियों के चलते बेरोजगार युवा आत्महत्या को मजबूर हो रहे है।
वहीं अशोक गहलोत ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह के रिश्तो को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होने आरोप लगाया की चुनाव से पहले एक दूसरे को पसंद नहीं करने वाले दोनों नेता आज एक दूसरे के सामने झुके हुए है। गहलोत ने अमित शाह के पुत्र पर भी नोटबंदी के दौरान करोड़पति बनने का आरोप जड़ते हुए कहा कि अमित शाह को करोड़पति बनने का फार्मूला देश के बेरोजगार नौजवानों को भी बताना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ ही जिन पहले 4 दोस्तों ने नौकरी न मिलने की वजह से ट्रने के आगे कूद गए थे जिसमें 3 युवकों की जान मौके पर ही चली गई थी और चौथे युवक ने अस्पलात में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 'चुनाव जीतने के लिए जरूरत पड़े तो किसी का सिर भी फोड़ देना'
हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान ने प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए चुनाव जीतने के लिए 'साम दाम दंड भेद' को अपनाने और जरूरत पड़े तो सिर फोड़ने की भी बात कह दी। इस वीडियो में साफिया यह भी कहती हैं कि बीजेपी वाले अफवाह फैलाते हैं। इसलिए आपको अफवाहों का सोशल मीडिया पर जवाब देना होगा। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में कांग्रेस प्रत्याशी लोगों से कह रही हैं कि आपको चुनाव जीतने के लिए साम दाम दंड भेद, कुछ भी करना पड़े करो। किसी का सिर भी फोड़ना पड़े, सारे हथकंडे अपना लेना लेकिन चुनाव जीतना है। ये चुनाव साफिया का नहीं आपका है।