जयपुर। राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री श्रीराम बेदिरे ने राजस्थान की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के बारे में विस्तार से अवगत हुए कहा कि इससे प्रदेश मेंं ना केवल भू-जल स्तर में बढ़ोतरी हुए वरन कृषि सैकण्डों हेक्टेयर पर भूमि सिंचिंत भूमि में परिवर्तित हुई है।
श्री वेदिरे ने मंगलवार को नई दिल्ली में पूसा परिसर में आयोजित रबी कांफ्रेस व राज्यों के सचिवों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में अभियान के अन्तर्गत स्वीकृत कृषि क्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई कार्यों यथा ड्रीप एवं स्पिंगकलर से सन्तृप्त किया जा रहा है जिसके कारण प्रथम चरण में लगभग 47000 हेक्ट्रर कृषि क्षेत्र में कृषि उत्पादन बढ़ा है। इसके अतिरिक्त अभियान अन्तर्गत रिज टू वेली (Ridge to valley) सिद्धांत के आधार पर कृषि कार्य कराये गये प्रथम वर्ष में लगभग 95,000 कार्य द्वितीय वर्ष में लगभग 1,30,000 कार्यों की पूर्ण किये गये। एवं घटते भू-जल स्तर को देखते हुए इस प्रकार कार्यक्रम प्रारम्भ करना अब आवश्यक हो गया है।
उन्होंने कहा कि चेरापूंजी जैसे स्थलों पर भी अब जल संरक्षण आवश्यक हो गया है। भविष्य में पानी की कमी की समस्या का निदान वर्षा जल के संरक्षण से ही हो सकती है एवं तृतीय चरण में 15200 कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं। इन कार्यों के चयन में प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग किया गया है। प्रत्येक कार्य को जियो टेग (geo-Tag) किया गया है। अभियान राज्य के नौ विभागों यथा वन विभाग, कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकी, उद्यानिकी एवं जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग की विभागीय योजनाओं से समन्वय कर क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस अभियान की मुख्य विशिष्ठता क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं कार्यों की गुणवत्ता रही है। अभियान अन्तर्गत समाज के सभी वर्गों का सहयोग मिला है जिस कारण यह अभियान जन अभियान बन गया है। राज्य के कृषि निदेशकों एवं सचिव द्वारा अभियान के संबंध में विशेष रूचि दिखाई गयी एवं राजस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की सहराना की गयी।
अन्त में केन्द्रीय कृषि सचिव ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी जल संरक्षण के नवाचारों के साथ इस दिशा में कार्य करने चाहिए।