Pegasus हैकिंग विवाद को लेकर राहुल गांधी के केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा- हमें पता है आपके फोन ‘वो’ क्या पढ़ रहे हैं

2019 में राज्यसभा में तीखी बहस की वजह रहा पेगासस स्पायवेयर (Pegasus Sotware) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया ही कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी की है। इन लोगों में पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन शामिल हैं। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर के जरिए इन लोगों के फोन हैक किए थे। इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने सफाई देते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने Pegasus सॉफ्टवेयर मामले को लेकर सरकार पर तंज कसा है।

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि हमें पता है ‘वो’ क्या पढ़ रहे हैं, जो भी आपके फोन में है।

वहीं, राज्यसभा में सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, राजद सांसद मनोज झा, AAP सांसद संजय सिंह समेत अन्य कई सांसदों द्वारा इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने कहा कि वह सदन में इस मुद्दे को जरूर उठाएंगे।

पेगासस सॉफ्टवेयर क्या काम करता है?

पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्रॉइड डिवाइस को हैक कर लेता है। इससे मैलवेयर भेजने वाला शख्स उस फोन मे मौजूद मैसेज, फोटो और ईमेल तक को देख सकता है। इतना ही नहीं, यह साफ्टवेयर उस फोन पर आ रही कॉल को रिकॉर्ड भी कर सकता है। इस साफ्टवेयर से फोन के माइक को गुप्त रूप से एक्टिव किया जा सकता है। इस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।

लिस्ट में किन-किन लोगों के नाम शामिल

इस लिस्ट में 40 पत्रकार, तीन विपक्ष के बड़े नेता, एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति, मोदी सरकार के दो मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा और पूर्व हेड समेत कई बिजनेसमैन शामिल हैं। ये पत्रकार हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, टीवी-18, द हिंदू, द ट्रिब्यून, द वायर जैसे संस्थानों से जुड़े हैं। इनमें कई स्वतंत्र पत्रकारों के भी नाम हैं।

पूरे मामले पर भारत सरकार ने कही ये बात


सरकार ने अपने स्तर से खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा, 'इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है।' सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा, 'भारत एक लचीला लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।'

आपके फोन में आने के बाद पेगासस के पास आपकी क्या-क्या जानकारी होती है?

- एक बार आपके फोन में इंस्टॉल होने के बाद पेगासस को हैकर कमांड एंड कंट्रोल सर्वर से इंस्ट्रक्शन दे सकता है।

- आपके पासवर्ड, कॉन्टेक्ट नंबर, लोकेशन, कॉल्स और मैसेजेस को भी रिकॉर्ड कर कंट्रोल सर्वर पर भेजे जा सकते हैं।

- पेगासस आपके फोन का कैमरा और माइक भी अपने आप चालू कर सकता है। आपकी रियल टाइम लोकेशन भी हैकर को पता चलती रहेगी।

- साथ ही आपके E-mail, SMS, नेटवर्क डिटेल्स, डिवाइस सेटिंग, ब्राउजिंग हिस्ट्री की जानकारी भी हैकर के पास होती है। यानी एक बार अगर आपके डिवाइस में पेगासस स्पाईवेयर इंस्टॉल हो गया तो आपकी सारी जानकारी हैकर को मिलती रहेगी।