राहुल गांधी को BJP की चुनौती- CAA के प्रावधानों पर केवल 10 पंक्तियां बोलकर दिखायें

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है। वही भाजपा (BJP) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कांग्रेस (Congress) के शीर्ष नेतृत्व पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रविवार को चुनौती देते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि वह इस कानून के प्रावधानों पर केवल 10 पंक्तियां बोलकर दिखायें।

नड्डा ने कहा मैं राहुल से कहना चाहता हूं कि वह सीएए (CAA) के प्रावधानों पर केवल 10 लाइन बोल दें। वह बस दो लाइन उन प्रावधानों पर भी बोलकर दिखायें जिनसे तथाकथित तौर पर देश का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का नेतृत्व करने आये लोगों को सीएए के बारे में बुनियादी बातें तक पता नहीं हैं।

नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सीएए पर जनता को गुमराह करते हुए एक वर्ग विशेष के लोगों को उकसा रही है और वोट बैंक को देश से ऊपर रखकर हिंसा की आग पर राजनीति की रोटियां सेंक रही है। बता दे, सीएए के समर्थन में यहां भाजपा की तरफ से आयोजित 'आभार सम्मेलन' में नड्डा ने ये बात कही।

उन्होंने कहा कि राहुल इस सवाल का भी जवाब दें कि क्या उन्होंने वर्ष 1947 में हुए भारत के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? उनके वक्तव्यों से तो कतई नहीं लगता कि उनके दिल में देश के उस बंटवारे का कोई दर्द है जब बर्बर नरसंहार के बीच लाखों लोगों को अपनी जान की सलामती और स्त्रियों को अपनी आबरू बचाने के लिये मातृभूमि को अचानक छोड़ना पड़ा था।

नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर हमला जारी रखते हुए कहा कि देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। लेकिन क्या राहुल ने इस नुकसान की निंदा करते हुए कोई बयान दिया है? भारत में हमने सदैव अल्पसंख्यकों की रक्षा की है। लेकिन क्या कोई कांग्रेस नेता जवाब देगा कि भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की आबादी क्यों लगातार घटती चली गयी?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की लड़ाई हो सकती है। आपकी (राहुल की) सीमित बुद्धि के कारण किसी विषय पर आपके विचार हमसे अलग हो सकते हैं। लेकिन यह कहां तक उचित है कि आप हिंसा पर एक भी शब्द नहीं बोलें?'

सीएए की पैरवी करते हुए नड्डा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से नये नागरिकता कानून की अवधारणा साकार हो सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्पष्ट शब्दों में कह चुके हैं कि मुस्लिम समुदाय के एक भी वैध नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जायेगी।

नड्डा ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस विचार का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया था कि धार्मिक प्रताड़ना के कारण पाकिस्तान से भारत आये लोगों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिये।