राहुल गांधी व अखिलेश यादव ने ओम बिरला को दी बधाई, कहा निष्कासन जैसी परंपरा को आगे न बढ़ाया जाए

नई दिल्ली। ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर चुने गए हैं। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने ओम बिरला को बधाई दी। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको दूसरी बार चुने जाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और इंडिया गठबंधन की तरफ से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज़ के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज़ का अधिक प्रतिनिधित्व किया है।

राहुल ने कहा कि विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अच्छी तरह से चले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व दिया जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि आशा है कि आप हमें अपनी आवाज उठाने, भारत के लोगों की आवाज उठाने का मौका मिलेगा।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इस चुनाव ने दिखाया है कि लोग उम्मीद करते हैं कि विपक्ष संविधान की रक्षा करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिरला विपक्ष को आवाज उठाने का मौका देकर संविधान रक्षा का अपना दायित्व निभाएंगे। मैं एक बार फिर आपको और सदन के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने चुनाव जीता है।

अखिलेश यादव ने कहा उम्मीद है सबको मौका मिलेगा


18वीं लोकसभा के तीसरे दिन सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने अपना पहला भाषण दिया। अखिलेश ने ओम बिरला को दोबारा स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी। अखिलेश ने अध्यक्ष को बधाई देते हुए अपील की है कि उनका अंकुश सिर्फ विपक्ष नहीं सत्ता पक्ष पर भी हो। संसद के पुराने अनुभवों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि सदस्यों के निष्कासन से सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे। अखिलेश ने कहा कि अध्यक्ष महोदय आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ हैं।

जिस पद पर आप बैठे हैं, उस पद से कई गौरवशाली परंपरा जुड़ी है। हम मानते हैं कि आप लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर सभी दलों को सम्मान और बराबरी का मौका देंगे। आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे। हमारी अपेक्षा है कि निष्कासन जैसी परंपरा को आगे न बढ़ाया जाए। हम चाहते हैं कि आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, हम अपेक्षा करते हैं कि सत्ता पक्ष पर भी आपका अंकुश बना रहे। हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ खड़े हैं।