R9X Hellfire Missile... वो मिसाइल जिससे अमेरिका ने किया जवाहिरी का काम तमाम, दागो और भूल जाओ तकनीक पर करती है काम

अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारा गया है। पिछले 21 साल से अमेरिका को अल-जवाहिरी की तलाश थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने आतंक के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान उसे खत्म कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक जवाहिरी को उस वक्त निशाना बनाया गया जब वो घर की बालकनी में बैठा था। तभी ड्रोन के जरिए दो मिसाइल उस पर दागे गए। अमेरिका की सबसे बड़ी जासूसी संस्था CIA ने हमले के लिए जिस मिसाइल का उपयोग किया था उसका नाम है R9X Hellfire Missile। इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसमें बारूद कम लेकिन ब्लेड्स और धारदार धातुओं का उपयोग अधिक किया जाता है। जो अलग-अलग लेयर में लगाए जाते हैं। ये ब्लेड्स विस्फोट के बाद टारगेट को चक्र की तरह घूमते हुए चीर-फाड़ डालते हैं। इससे सिर्फ उसी टारगेट को नुकसान पहुंचता है, जिसे निशाना बनाया जाता है। आसपास नुकसान कम होता है। पिछले दो वर्षों में अमेरिका ने इन मिसाइलों का उपयोग तेजी से बढ़ा दिया है। पिछले साल काबुल एयरपोर्ट के धमाके का बदला लेने के लिए अमेरिका ने इन मिसाइलों का उपयोग किया था।

R9X हेलफायर मिसाइल को ड्रोन, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट से दागा जा सकता है। इसकी नाक पर कैमरे, सेंसर्स लगे होते हैं। जो विस्फोट से पहले तक रिकॉर्डिंग करते रहते हैं। साथ ही विस्फोट से पहले टारगेट की सही स्थिति का पता लगाते रहते हैं।

हेलफायर मिसाइल के कई वैरिएंट्स है। उनमें से एक है R9X वैरिएंट। यह वैरिएंट 45 Km का होता है। इस मिसाइल को निंजा बॉम्ब (Ninja Bomb) और फ्लाइंग गिंसू (Flying Ginsu) भी कहते हैं। निंजा इसलिए कहा जाता है क्योंकि निंजा मार्शल आर्टिस्ट ज्यादातर तेजधार हथियारों का उपयोग करते हैं। फ्लाइंग गिंसू यानी उड़ने वाला चाकू। इस मिसाइल से कोलैटरल डैमेज यानी आसपास ज्यादा नुकसान नहीं होता। यह मिसाइल किसी एक-दो इंसान को मारने के लिए दागी जाती है।

अमेरिका ने R9X हेलफायर मिसाइल का उपयोग रहस्यमयी तरीके से 2017 में शुरु कर दिया था। लेकिन इसकी जानकारी 2019 में दुनिया के सामने आ गई। अमेरिका ने इसी मिसाइल का उपयोग करके साल 2000 में यूएसएस कोले बमबारी में मुख्य आरोपी जमाल अहम मोहम्मद अल बदावी और अलकायदा के प्रमुख आतंकी अबु खार अल-मसरी को मारा था। यह मिसाइल का उपयोग सीरिया और अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ भी किया जा चुका है।

दागो और भूल जाओ तकनीक पर करती है काम

R9X हेलफायर मिसाइल दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है। इसे ड्रोन में भी सेट करके दागते हैं। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत ये हैं कि मजबूत से मजबूत बंकर, बख्तरबंद गाड़ियों, टैंक और काफी मोटी कॉन्क्रीट की दीवार को फोड़कर विस्फोट करने में सक्षम होती है। हेलफायर मिसाइलों का वैरिएंट का लंबाई अधिकतम 64 इंच यानी 1.6 मीटर और वजन 45 से 49 किलोग्राम होता है। इनका व्यास 7 इंच होता है। इस मिसाइल की खास बात ये है कि अमेरिका में मौजूद 8 प्रकार के हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जा सकती है। यह 7 अलग-अलग तरह के विमानों, पेट्रोल बोट या हमवी (Humvee) से भी लॉन्च की जा सकती है। यानी इसे कहीं से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल में पांच तरीके के वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं। एंटी-टैंक हाई एक्सप्लोसिव, शेप्ड चार्ज, टैंडम एंटी-टेरर, मेटल ऑगमेंटेड चार्ज (R9X) और ब्लास्ट प्रैगमेंटेशन। इसके पंख 13 इंच के होते हैं। इस मिसाइल की रेंज 499 मीटर से लेकर 11.01 Km तक होती है। रेंज इस मिसाइल के वैरिएंट पर निर्भर करता है। इस मिसाइल की अधिकतम गति 1601 Km प्रतिघंटा है। यह लेजर और राडार सीकर टेक्नोलॉजी पर उड़ती है। यानी आप इसे राडार के माध्यम से लेजर के जरिए दोनों तरीके से ऑपरेट करके टारगेट पर निशाना लगा सकते हैं।