पंजाबी सिंगर और कांग्रेसी नेता शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने पूछताछ में बड़ा दावा किया है। गिरफ्तार आरोपी शाहरुख ने स्पेशल सेल को बताया है कि सिद्धू मूसेवाला को मारने की सुपारी उसे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से दी गई थी। उन्होंने पहले भी सिद्धू को मारने की कोशिश की थी लेकिन तब सुरक्षाकर्मियों को देखकर ये लौट गए थे।
पूछताछ में शाहरुख ने कुल 8 नाम बताये हैं, जिनपर उसने हत्यारों की मदद करने का आरोप लगाया है। इसमें पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख के मैनेजर का नाम भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार शाहरुख ने कहा कि वह भोला (हिसार का रहने वाला) और सोनू काजल (नारनौंद, हरियाणा) के साथ मूसेवाला के गांव गया था। लेकिन जब उसने वहां 4 पीएसओ AK-47 के साथ तैनात देखे तो उन्होंने हत्या का प्लान ड्रॉप कर दिया। तब गोल्डी ने उनको सिद्धू की हत्या के लिए UZI हथियार दिये थे। फिर शाहरुख ने हत्या के काम को अंजाम देने के लिए AK-47 और बियर स्प्रे की मांग की।
फिर किसी वजह से शाहरुख इस काम से अलग हो गया। अब दावा किया जा रहा है कि सिद्धू के मर्डर में अब वही बोलेरो कार इस्तेमाल हुई है जिसे भोला और सोनू रेकी के दौरान इस्तेमाल करते थे। पूछताछ में कुल 9 नाम सामने आए हैं, जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला के हत्यारों की मदद की उनके नाम है गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई, सचिन (मनकीरत औलख का मैनेजर), जग्मू भगवानपुरिया, अमित काजला, सोनू काजल, बिट्टू , सतेंदर काला (फरीदाबाद सेक्टर 8) और अजय गिल।
शाहरुख गोल्डी बराड़ से Signal App से बातचीत करता था। उसका फोन फिलहाल स्पेशल सेल ने जब्त किया हुआ है। उससे और जानकारी सामने आ सकती है। वहीं दावा किया गया है कि लॉरेंज बिश्नोई तिहाड़ जेल में भी फोन का इस्तेमाल करता है।
बता दें कि पंजाबी सिंगर और कांग्रेसी नेता शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या कल 29 मई को मानसा जिले में उनके घर से कुछ किलोमीटर दूर ही कर दी गई थी। बता दे, सिद्धू मूसेवाला गैंगस्टर्स के निशाने पर थे। इसके बावजूद शनिवार को पंजाब सरकार ने उनकी सुरक्षा घटा दी। उनके पास 2 ही गनमैन रह गए थे। सुरक्षा को लेकर मूसेवाला भी चिंतित थे। उन्होंने वकील से भी इस बारे में बात की थी। इसके अलावा अपने करीबी सिंगर अमृत मान को भी मिलने बुलाया था। मूसेवाला ने कोई जरूरी बात करने की बात कही थी। माना जा रहा है कि वह सुरक्षा के बारे में ही बात करने वाले थे। इसको लेकर अब पंजाब सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं।