लुधियाना ब्लास्ट में संदिग्ध की पहचान मुश्किल, शरीर के सिर्फ दो हिस्से बचे, टैटू के सहारे हो रही जांच

पंजाब की लुधियाना कोर्ट की दूसरी मंजिल पर बने टॉयलेट में गुरुवार दोपहर हुए धमाके पर अहम जानकारी सामने आई है। जांच एजेंसियों को मौके से हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव मिला है। वहीं, ब्लास्ट में बम प्लानर के चिथड़े उड़ गए हैं। उसके मुंह पर मांस नहीं है और शरीर के दो हिस्से बचे हैं। उसके पास से कोई कागज या सबूत नहीं मिला है। उसके शरीर पर खंडे का टैटू बना हुआ है। इसी के सहारे उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। जिस युवक का शव मिला है उसकी उम्र 30 से 35 साल के बीच आंकी जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि फॉरेंसिंक और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड टीम को शुरुआती जांच में पता चला है कि इस धमाके में हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल हुआ है। हाई ग्रेड एक्सप्लोसिव आमतौर पर PETN या RDX होता है। हालांकि, अभी तक ये नहीं पता चला है कि ये PETN है या RDX। मिली जानकारी के अनुसार मौके से मिले बम की जांच की जा रही है, जिसके बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।

पहचान के नाम पर सिर्फ एक टैटू मिला

लुधियाना कोर्ट परिसर में गुरुवार को हुए धमाके में एक की मौत हो गई थी। अंदेशा है कि जिस शख्स की मौत हुई है, उसी ने बम धमाका किया होगा। धमाके के बाद मौके पर पहुंची NSG की टीम को टॉयलेट से क्षत-विक्षत हालत में एक शव मिला है, जिसे इस धमाके का जिम्मेदार माना जा रहा है। उस शव को टॉयलेट से निकाल लिया गया है। हालांकि, शव की पहचान के नाम पर हाथ पर एक धार्मिक चिन्ह का एक टैटू मिला है। कुछ मोबाइल के टुकड़े भी मिले हैं, जिसे फॉरेंसिंक लैब भेजा गया है।

दोपहर 12:20 मिनट पर हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां रात 10 बजे तक पहुंची। पहले सुबह पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी थी, मगर जब जांच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के हवाले की गई तो पुलिस को उनका इंतजार करना पड़ा और वह क्राइम स्पॉट पर जांच नहीं कर पाई। यही कारण है कि बम प्लानर की शिनाख्त में देरी हुई है।

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे देशविरोधी ताकतें ऐसी घिनौनी हरकतें कर रहीं हैं। पहले बेअदबी की कोशिश की गई, उसमें सफल नहीं हुए तो ब्लास्ट कर दिया।