पंजाब के राज्यपाल ने दिए राष्ट्रपति शासन के संकेत, कहा CM जानकारी नहीं दे रहे, मेरा पास कोई विकल्प नहीं

चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आप सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने और उनके पत्रों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि, अगर उन्होंने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया तो वे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।

दरअसल, बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि, राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी न देना स्पष्ट रूप से संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है, जोकि सीएम भगवंत मान पर लगाया गया है। ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। इससे पहले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान पर जून में हुए विधानसभा सत्र के दौरान उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था।

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है जिसकी अगुवाई CM भगवंत मान कर रहे हैं। गवर्नर ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि उन्होंने गवर्नर हाउस के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर ने 4 पेज का ये लेटर भगवंत मान को 15 अगस्त को लिखा था, जो अब सामने आया है।

वहीं इससे पहले भी राज्यपाल पुरोहित ने सीएम मान पर प्रशासनिक मामलों पर जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया था। वहीं उन्होंने कहा था कि पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान पारित हुए चार विधेयक में से एक राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल की शक्तियों को छीनने वाला था। पुरोहित ने इसे पूरी तरह से अवैध करार दिया था। पुरोहित ने सीएम मान पर संविधान की धारा 167 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

राज्यपाल ने पत्र में नशे पर चिंता जताई थी, रिपोर्ट मांगी

गवर्नर बीएल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं।

हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, NCRB और चंडीगढ़ पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया गया।

गवर्नर ने पत्र में लिखा है कि संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदि है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं।

अब राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है। गर्वनर ने मुख्यमंत्री को ड्रग मामले पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं।

CM-गवर्नर में पहले से ठनी


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित में पहले दिन से ठनी है। दोनों के बीच कई मुद्दों पर गंभीर टकराव हो चुका है। वैधानिक मुद्दों पर भी CM मान और गवर्नर पुरोहित के बीच जितना पत्राचार हुआ, उतना इससे पहले पंजाब में कभी देखने को नहीं मिला।

भगवंत मान आरोप लगाते रहे हैं कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि राज्यपाल मुख्यमंत्री पर संविधानिक जिम्मेदारियों के उल्लंघन और अनुचित आचरण का आरोप लगाते रहे हैं।

AAP प्रवक्ता बोले- गवर्नर इंटरफेयर कर रहे


इस बारे में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अहबाब ग्रेवाल ने कहा-''पंजाब में कोई कॉन्स्टिट्यूशनल क्राइसिस नहीं है कि राष्ट्रपति राज लगे। सरकार को जानकारी देने में कोई एतराज नहीं। मगर, कोई भी डेमोक्रैटिकली इलेक्टेड गवर्नमेंट ये बर्दाश्त नहीं करेगी कि उनकी डे टू डे की एक्टिविटीज में हस्तक्षेप किया जाए। संविधान को ताक पर रखकर 9 साल में 9 स्टेट गवर्नमेंट खत्म कर दी गई। जानकारी मांगना उनका अधिकार है, हम दे भी देंगे लेकिन प्लीज डेली कामकाज में इंटरफेयर न करें। इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताना ठीक नहीं है। गवर्नर को चाहिए कि एक चिट्ठी केंद्र को भी लिखें कि पंजाब में त्रासदी आई है। बिना मतलब की कंट्रोवर्सी खड़ी न करें।