पंजाब में किसान संगठनों ने राजनीतिक दलों को बैठक के लिए बुलाया, जानिए क्या है वजह

केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है, ताकि उन पर पंजाब विधानसभा चुनावों की घोषणा होने तक चुनावी प्रचार न करने का दबाव डाला जा सके। इस बैठक में बीजेपी को न्यौता नहीं दिया गया है। जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह संधू ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों का समर्थन करने वाली भाजपा को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा जाएगा कि वे चुनाव की घोषणा होने तक चुनाव प्रचार में शामिल न हों या राजनीतिक रैलियां न करें क्योंकि इससे चल रहे किसान संघर्ष को नुकसान पहुंच सकता है।

शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बैठक में भाग लेने के लिए बलविंदर सिंह भुंदर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और दलजीत सिंह चीमा को प्रतिनियुक्त किया है।

आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा बुलाई गई बैठक में पार्टी के प्रतिनिधि भाग लेंगे। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने गत छह सितंबर को सभी 32 किसान संगठनों को अपने चुनावी कार्यक्रम ‘गल पंजाब दी’ के संबंध में सभी ‘भ्रमों’ को दूर करने के मकसद से उसके साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने को आमंत्रित किया था।

शिअद ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अकालियों के ‘‘निरंतर समर्थन’’ को दोहराने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने के वास्ते एक समिति का गठन किया था।

शिअद का यह कदम ऐसे समय आया है जब किसानों के एक समूह ने हाल ही में पंजाब के मोगा जिले में अकाली दल के एक कार्यक्रम में जबरन घुसने की कोशिश की, जहां बादल बोल रहे थे। इस घटना के बाद शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अपनी पार्टी के चुनावी प्रचार अभियान ‘गल पंजाब दी’ को छह दिन के लिए रोक दिया था।

(इनपुट भाषा)