चंडीगढ़। 30 जुलाई पंजाब के मोहाली में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरगना जगदीश सिंह उर्फ भोला सहित 17 लोगों को दोषी ठहराया। पहलवान से पुलिसकर्मी बने और फिर ड्रग माफिया बने भोला को एक अन्य आरोपी अवतार सिंह तारो के अलावा 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
संघीय जांच एजेंसी ने राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज पंजाब पुलिस की लगभग आठ एफआईआर का संज्ञान लेते हुए 2013 में मामले की जांच शुरू की थी।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने 2015 में इस मामले में 23 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से दो को भगोड़ा घोषित किया गया था, जबकि चार की जांच या सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई (जिसके परिणामस्वरूप कार्यवाही बाधित हुई)।
संघीय जांच एजेंसी ने राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज पंजाब पुलिस की लगभग आठ एफआईआर का संज्ञान लेते हुए 2013 में मामले की जांच शुरू की थी। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने 2015 में इस मामले में 23 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से दो को भगोड़ा घोषित किया गया था, जबकि चार की जांच या सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई (जिसके परिणामस्वरूप कार्यवाही बाधित हुई)।
भोला और तारो के अलावा अन्य दोषियों में सुदीप कौर, जगमिंदर कौर, गुरप्रीत कौर, गुरमीत कौर, सुखजीत सिंह सुखा, सुखराज सिंह, गुरदीप सिंह मनचंदा, अमरजीत कौर, देविंदर सिंह, मनिंदर सिंह, सुभाष बजाज, सुनील बजाज, अंकुर बजाज, दलीप सिंह मान और मनप्रीत सिंह शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि अन्य आरोपियों को 3 से 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। भोला ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग मामला करोड़ों रुपये के सिंथेटिक नारकोटिक्स रैकेट से जुड़ा है, जिसका पंजाब में 2013-14 के दौरान पर्दाफाश हुआ था।
ईडी ने जनवरी 2014 में भोला को गिरफ्तार किया था और उसकी 95 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। भोला को पंजाब पुलिस के मामलों में भी दोषी ठहराया गया था।