सीएम पद से इस्तीफे के पहले कैप्टन ने की थी सोनिया गांधी से बात, मिला जवाब- 'आई एम सॉरी अमरिंदर'

नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों तक चली खींचतान के बाद शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है जब आगामी विधानसभा चुनावों में कुछ ही महीने रह गए हैं। साल 2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पंजाब की सियासत में हुए इस उठा-पटक का सीधा असर चुनाव पर देखने को मिल सकता है। उधर, अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कांग्रेस में मथन जारी है। खबर है कि मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे नाम है अंबिका सोनी का। आपको बता दें कांग्रेस की सियासत में सोनी का लंबा अनुभव है और वह राज्य के होशियारपुर की निवासी हैं। सोनी, पंजाब से ही राज्यसभा की सांसद हैं। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू खेमे के कैप्टन विरोधी किसी नेता को सीएम की कुर्सी पर बिठा कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को आलाकमान और नाराज नहीं करना चाहता है। इसी वजह से अंबिका सोनी के नाम पर मुहर लगना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अंबिका सोनी को चंडीगढ़ पहुंचने के आलाकमान ने निर्देश दिए हैं।

इस्तीफा सौंपने के बाद छलका अमरिंद सिंह का दर्द

इस्तीफा सौंपने के बाद अमरिंद सिंह जब मीडिया के सामने आए तो उनका दर्द छलक पड़ा और उन्होंने इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू पर भी हमला बोला। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से बातचीत भी हुई थी। कैप्टन ने इस्तीफा देने से पहले सोनिया गांधी के साथ हुई फोन पर हुई उसी बातचीत की भी पूरी कहानी बताई।

समाचार एजेसी एएनआई से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया, 'जब मुझे पता चला कि कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुनने की बात हो रही है तो मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सुबह करीब 10 बजे फोन किया। मैंने उनसे कहा कि मैम ये सब क्या हो रहा है। ऐसे में मैं इस्तीफा दे दूंगा। मुझे लगता है कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए, मैं आपको अपना इस्तीफा भेज रहा हूं। इसके जवाब में सोनिया जी ने कहा कि आई एम सॉरी अमरिंदर, आप इस्तीफा दे सकते हैं। फिर मैंने कहा ओके मैम।'

इसके बाद कैप्टन ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा। अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव के बाद भी उन्होंने सोनिया गांधी और उनके बच्चों के साथ निकटता के कारण इस तरह से अपमानित किये जाने की उम्मीद नहीं की थी।

इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर तेज हमला किया और उन्हें राष्ट्र विरोधी, खतरनाक तथा पूरी तरह विपत्ति करार दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि वह सिद्धू को अगले मुख्यमंत्री के रूप में या आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के चेहरे के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।

14 साल बाद सोनिया ने करवाई थी वापसी

आपको बता दे, पंजाब के CM पद से इस्तीफा दे चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह कभी सोनिया गांधी के कहने पर ही कांग्रेस में लौटे थे। कांग्रेस को पंजाब में मजबूत करने में कैप्टन अमरिंदर सिंह का अहम रोल रहा है। पार्टी 2002 और 2017 में कैप्टन का चेहरा आगे कर ही सत्ता तक पहुंची। पंजाब कांग्रेस की मौजूदा लीडरशिप पर नजर डाली जाए तो कैप्टन इकलौते ऐसे लीडर हैं, जिन्हें खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सियासत में लेकर आए। कैप्टन एक बार पहले कांग्रेस छोड़ चुके हैं, मगर उसके 14 साल बाद वह सोनिया गांधी के आग्रह पर दोबारा पार्टी में लौटे और वो भी कांग्रेस को मजबूत करने के नाम पर। बता दे, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1984 में गोल्डन टैंपल पर हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार से आहत होकर कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ दी थी।