पुडुचेरी की एकमात्र महिला विधायक और मंत्री ने दिया इस्तीफा, बोलीं धन बल के खिलाफ नहीं लड़ सकतीं

नई दिल्ली। पुडुचेरी की एकमात्र महिला विधायक और मंत्री एस. चंदिरा प्रियंगा ने जातिवाद, लैंगिक पूर्वाग्रह, साजिश और धन बल की राजनीति का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। पुडुचेरी में एआईएनआरसी-भाजपा गठबंधन की सरकार के लिए ये एक हैरान करने वाली बात है।

प्रियंगा नेदुनकाडु से विधायक हैं। उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों में एआईएनआरसी के टिकट पर कराईकल की नेदुनकाडु सुरक्षित सीट से जीत हासिल की थी। वह 2021 में पुडुचेरी में मंत्री बनी थीं। उनकी ये उपलब्धि बड़ी थी क्योंकि 40 वर्षों से अधिक अंतराल के बाद कोई महिला इस सूबे में मंत्री बनी थी। उन्हें एन रानागसामी के नेतृत्व वाली गठबंधन कैबिनेट में परिवहन विभाग सौंपा गया था। उन्होंने आवास और श्रम एवं रोजगार विभाग भी संभाले। प्रियंगा ने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आभारी हैं, जिन्होंने उनको विधानसभा तक पहुंचाया। उन्होंने मंगलवार को अपने सचिव के माध्यम से त्यागपत्र मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया।

CMO बोला- इस्तीफा मिला, निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है

मुख्यमंत्री कार्यालय ने पत्र प्राप्त होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले पर निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है। चिट्ठी को उनके पास भेज दिया गया है। प्रियंगा के त्यागपत्र की एक प्रति मीडिया में वितरित की गई। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि सरकार में आने के बाद उनको एहसास हुआ कि साजिश की राजनीति से पार पाना इतना आसान नहीं है। वो धन बल के खिलाफ नहीं लड़ सकतीं।

प्रियंगा ने कहा कि उन्हें एहसास हुआ कि वह जातिवाद और लैंगिक पूर्वाग्रह का शिकार हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगातार निशाना बनाया गया। लेकिन अब सब्र का पैमाना छलक चुका है। वो साजिश की राजनीति को और बर्दाश्त नहीं कर सकती। प्रियंगा ने कहा कि वह जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगी जिसमें बताया जाएगा कि जिन विभागों को वह मंत्री के रूप में देख रही थी, उनमें उन्होंने क्या बदलाव और सुधार किए हैं।