देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम तो आमजन की जेब का बोझ बढ़ा ही रहे हैं। लेकिन इसी के साथ ही सिलेंडर के बढ़ते दाम भी चिंता को बढ़ा रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस की महिला मोर्चा विंग ने प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। इसमें महिला कार्यकर्ताओं ने सिलेंडर पर माला चढ़ा उसे विदाई दी और चूल्हे पर चाय और रोटियां बनाकर अपना विरोध प्रकट किया। इससे पहले महिलाएं रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचीं। यहां उन्होंने चूल्हा लाकर उसमें कोयला, लकड़ी डालकर आग लगाई और भगोनी में दूध-पानी डालकर चाय चढ़ाई। इस दौरान कुछ महिलाओें ने मौके पर ही आला गूंथकर रोटियां बनानी शुरू की।
महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रानी लुबाना ने बताया कि जिस तरह देश में रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। उससे अब सामान्य और गरीब परिवार के लिए रसोई में गैस पर भोजन पकाना मुश्किल हो गया है। इसी कारण हमने प्रदर्शन में छोटे और बड़े सिलेंडर को अंतिम विदाई देते हुए उसे माला पहनाई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में लगातार बढ़ोतरी कर रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। बढ़ते दामों का सबसे ज्यादा प्रभाव खाद्य उपभोग की वस्तुओं पर आया है। मोदी सरकार ने पहले तो बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब उन वादों के उलट जनता पर जुल्म कर रहे हैं।लुबाना ने बताया कि किसी भी वस्तु की दरें बढ़ाने की भी एक लिमिट या नियम होता है। लेकिन यहां सरकार अपने खजाने को भरने के लिए पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी कर रही है। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा। जब एक महीने के अंदर ही रसोई गैस के दामों में तीन बार (125) रुपए तक बढ़ाकर जनता पर इतना बोझ डाला होगा। ऊपर से आमजन को जो थोड़ी बहुत सब्सिडी सरकार देती थी, उसे भी बिना घोषणा के बंद कर दिया।