सोनभद्र हत्याकांड: पीड़ित परिवार से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने खत्म किया धरना, कहा - मेरा मकसद पूरा हुआ, पीड़ितों की सुरक्षा जरूरी

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र नरसंहार में 10 लोगों की मौत के बाद मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। नरसंहार के तीन दिन बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुईं, लेकिन पुलिस ने उनकों मिर्जापुर में रोक लिया, जिसके बाद उनकी बीती रात पुलिस हिरासत में कटी। देर रात तक अफसरों का मिर्जापुर गेस्ट हाउस में आना-जाना लगा रहा। प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया कि वो नरसंहार पीड़ितों से मिले बगैर वापस नहीं लौटेंगी। प्रियंका गांधी ने कहा कि जब तक उन्हें सोनभद्र नहीं जाने दिया जाएगा तब तक वो पीछे नहीं हटेंगी। वही इसी बीच पीड़ित परिवारों के लोग मिर्जापुर स्थित चुनार गेस्ट हाउस आकर कांग्रेस महासचिव से मिले। पीड़ित महिलाओं से मिलकर प्रियंका गांधी काफी भावुक हो गईं। उन्होंने महिलाओं के गले मिलकर ढांढस बंधाया। इस दौरान प्रियंका की आंखों से आंसू छलक आए। जिसके बाद प्रियंका गांधी ने धरना खत्म कर लिया है।

कांग्रेस ने ये ऐलान किया है कि पार्टी हरेक मृतक परिवार को 10 लाख अनुदान के रुप में देगी। पीड़ित परिवार ने प्रियंका गांधी से बताया 17 तारीख को 11 बजे लोग बंदूक-डंडों के साथ पहुंच कर विवादित जमीन जोतने लगे। हम लोगों ने विरोध किया तो मारना शुरू कर दिया। हम चाहते हैं कि ट्रस्ट की जमीन आदिवासियों के बीच बांट दिया जाए। प्रियंका गांधी ने प्रशासन पर हमला करते हुए कहा कि यह घटना सहमति और मिलीभगत से हुई है। घटना के सुबह पुलिस ने फोन कर थाने बुलाया। आशंका जताने पर कहा कि कुछ नहीं होगा। महिलाओं पर फर्जी मुकदमे दायर किए गए हैं। हम इनके साथ खड़े हैं। इनकी लड़ाई लड़ेंगे। पीड़ित परिवारों को 25 लाख का अनुदान मिले, जमीन पर इनका मालिकाना हक मिले, मामला फ़ास्ट ट्रैक किया जाए, गलत केस खत्म किए जाए।