गुजरात सरकार की अधिसूचना के विरोध में निजी स्कूलों ने निलंबित की ऑनलाइन कक्षाएं

कोरोना का खतरा समय के साथ बढ़ता ही जा रहा हैं और संक्रमितों का आंकड़ा देशभर में 12 लाख से भी उपार जा चुका हैं। ऐसे में एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद ही रखा गया हैं और ओंकिने कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा हैं। लेकिन इसको लेकर अभिभावकों का भी विवाद छिड़ा हुआ हैं कि स्कूल नहीं खुलते हैं तो फीस भी नहीं दी जाए। ऐसे में गुजरात सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसके अनुसार जब तक निजी स्कूल फिर से नहीं खुलते, तब तक वे छात्रों से फीस नहीं लेंगे और यह भी कहा गया कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए फीस में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। लेकिन इसके विरोध में निजी स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाओं को निलंबित कर दिया हैं।

बता दें कि गुजरात के लगभग 15,000 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ ने ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया, इस महीने की शुरुआत में छात्रों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था शुरू हुई था। लेकिन गुजरात सरकार के फैसले से नाखुश इन स्कूलों में से अधिकांश ने बुधवार रात एसएमएस के माध्यम से माता-पिता को सूचित किया कि गुरुवार से कोई ऑनलाइन कक्षाएं नहीं होंगी।

स्कूल प्रबंधन संघ के प्रवक्ता दीपक राजगुरु ने गुरुवार को कहा कि राज्य के लगभग सभी निजि स्कूल ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा वास्तविक शिक्षा नहीं है तो हम छात्रों को ऐसी अवास्तविक शिक्षा प्रदान नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन शिक्षा तब तक निलंबित रहेगी जब तक सरकार उस अधिसूचना को वापस नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएगी। प्रमुख शिक्षाविद और एसोसिएशन के सदस्य जतिन भारद ने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है।