देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार 17 सितम्बर को अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेन्द्र मोदी चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहने के कार्यकाल में उन्होंने गुजरात के विकास में बहुत योगदान दिया हैं और गुजरात को एक मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा किया हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में शुरू हुई गुजरात विकास योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे गुजरात के विकास को गति मिली। तो आइये जानते हैं उन विकास योजनाओं के बारे में।
* पंचामृत योजना - राज्य के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना
* सुजलाम् सुफलाम् - राज्य में जलस्रोतों का उचित व समेकित उपयोग, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके
* कृषि महोत्सव - उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएँ
* चिरंजीवी योजना - नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने हेतु
* मातृ-वन्दना - जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु
* बेटी बचाओ - भ्रूण-हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश हेतु
* ज्योतिग्राम योजना - प्रत्येक गाँव में बिजली पहुँचाने हेतु
* कर्मयोगी अभियान - सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने हेतु
* कन्या कलावाणी योजना - महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुकता
* बालभोग योजना - निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर का भोजन
गुजरात ने चार बार लगातार अपना मुख्यमंत्री चुना2001 में गुजरात में भयानक भूकंप आया और पूरे गुजरात में भारी विनाश हुआ। गुजरात सरकार के राहत कार्य से ना खुश होकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नरेन्द्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया। मोदी ने काफी कुशलता से राहत कार्य संभाला और गुजरात को फिर से मज़बूत किया।
मोदी ने गुजरात को भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बना दिया। उन्होंने गाँव गाँव तक बिजली पहुँचाई। देश में पहली बार किसी राज्य की सभी नदियों को जोड़ा गया जिससे पूरे राज्य में पानी की कमी दूर हुई। एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क का निर्माण गुजरात में हुआ। गुजरात के सभी गाँवों को इंटरनेट से जोड़ा गया और टूरिज़्म को भी बढ़ावा दिया गया। मोदी के कार्यकाल में गुजरात में बेरोज़गारी काफी कम हुई और महिलाओं की सुरक्षा में काफी मज़बूती आई। इन्ही कारणों की वजह से गुजरात की जनता ने मोदी को चार बार लगातार अपना मुख्यमंत्री नियुक्त किया।