देशभर में अब हर घर में स्मार्ट मीटर लगेगा। कागज पर दिया जाने वाला इसका कोई बिल नहीं आएगा, बल्कि मोबाइल की तरह यह प्री-पेड होंगे। यानी लोगों को अपनी बिजली खपत का अनुमान लगाकर इसे रीचार्ज करना होगा। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को यह बात कही।
स्मार्ट मीटर का उत्पादन बढ़ाएं कंपनियां- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बिजली मंत्री आरके सिंह ने मीटर निर्माताओं को स्मार्ट प्री-पेड मीटरों का उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में इसकी मांग बढ़ने वाली है। इसके कई फायदे होंगे, उपभोक्ताओं को बिल भेजे जाने की कवायद खत्म होगी। बिजली कंपनियों पर बकाया का भार नहीं रहेगा।
- मंत्री ने भरोसा जताया कि बिजली के क्षेत्र में यह बदलाव क्रांतिकारी साबित होगा।
- उन्होंने कहा कि इससे बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत सुधरेगी, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा और बिलों का भुगतान आसान होगा। साथ ही इससे काबिल युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे।
- सिंह ने कहा कि प्री-पेड स्मार्ट मीटर से ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा और बिल भुगतान में सहजता आएगी। साथ ही युवाओं के लिए कौशल संपन्न रोजगार भी मिलेंगे। मंत्रालय के मुताबिक, अधिकारियों को स्मार्ट मीटर के निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार-विमर्श कर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के तैयार होने के बाद ही मंत्रालय स्मार्ट मीटर के निर्माण को अनिवार्य करने का कदम उठाएगा।
- लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे। आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे। न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा।
- बिजली मंत्री ने एक तय तारीख तक स्मार्ट मीटर को अनिवार्य किए जाने पर विचार करने की सलाह दी।
- अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड के उपयोग से बिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा।