बेंगलुरु। कनार्टक की राजधानी बेंगलुरु में एक महिला अधिकारी की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने सोमवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किया गया आरोपी लेडी ऑफिसर का पूर्व ड्राइवर बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान किरन के रूप में हुई है, जो मृतका का पूर्व ड्राइवर है। कुछ दिन पहले ही डिपार्टमेंट ने आरोपी को नौकरी से निकाल दिया था और दूसरे को नौकरी पर रख लिया। पुलिस ने आगे बताया कि महिला अधिकारी की हत्या के बाद से ही आरोपी का फोन बंद आ रहा था। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल कर ली है। आरोपी का कहना है कि लेडी अफसर ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। इसका बदला लेने के लिए उसने उन्हें मार डाला।
आरोपी ड्राइवर की पहचान किरण के रूप में हुई है। लेडी अफसर ने उसे कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी थी। वह उनका ड्राइवर था। हालांकि बाद में विभाग ने उसे काम से निकाल दिया था। उसकी जगह पर दूसरे ड्राइवर को रख लिया गया था। इस बात से वह नाराज था।
दरअसल, लेडी अफसर 45 साल की थीं। उन्होंने हाल ही में अवैध खनन और रेत माफिया पर कार्रवाई की थी। इसके बाद रविवार सुबह दक्षिण बेंगलुरु में उनके घर पर उनकी हत्या कर दी गई।
अधिकारियों के अनुसार, प्रतिमा केएस का गला कटा हुआ शव रविवार सुबह करीब 8.30 बजे सुब्रमण्यपुरा पुलिस सीमा के डोड्डाकल्लासंद्रा में उनके घर पर मिला।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लेडी अफसर की हत्या उनके कमरे के अंदर की गई है। अधिकारी का आगे कहना है “प्रतिमा की पहले गला घोंटकर हत्या की गई और फिर उनका गला काट दिया गया। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। घर में किसी के जबरन घुसने का सबूत नहीं है। ना ही कोई कीमती सामान गायब हुआ है। इससे पता चलता है कि उनके जानने वाले ने ही उनकी हत्या की है।”
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) राहुल कुमार शाहपुरवाड ने कहा, प्रतिमा पिछले चार सालों से शहर में काम कर रही है। वे शनिवार रात लगभग 8 बजे काम से घर लौटी। हमें शक है कि उनकी हत्या रात में की गई होगी। जांच के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। फोरेंसिक टीम ने घटना वाली जगह से चीजें इकट्टठा कर ली हैं।
लेडी अफसर के परिवार में कौन-कौन हैजानकारी के अनुसार, लेडी अफसर प्रथिमा के परिवार में उनके पति सूर्यनारायण हैं। वे शिवमोग्गा के तीर्थहल्ली के पास रहते हैं। उनका एक 16 साल का बेटा है।
पुलिस के अनुसार, लेडी अफसर ने शनिवार रात अपने भाई को फोन किया था। जब सुबह भाई ने फोन किया तो प्रतिमा का फोन बंद था। इसके बाद वह प्रथिमा के घर पहुंचा देखा तो उनकी मौत हो गई थी। अधिकारी का कहना है कि ग्रिल का दरवाज़ा अंदर से बंद था लेकिन आरोपी ने गैप में हाथ डालकर ऐसा किया होगा।
काम का नहीं था दबावघटना स्थल का दौरा करने वाले बेंगलुरु शहरी के उपायुक्त दयानंद केए ने कहा कि प्रथिमा पर किसी भी तरह के काम का दबाव नहीं था। वह कार्यालय में आधिकारिक काम के लिए मुझसे मिली थीं। वह एक सक्रिय और सकारात्मक अधिकारी थीं। हमने एक महीने पहले समीक्षा बैठक की थी और उनसे अवैध खनन पर नियंत्रण करने को कहा था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।