टैक्स सिस्टम में सुधार, PM मोदी ने की ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत, इससे जुड़ी अहम बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नया प्लेटफॉर्म ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ लॉन्च किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं। फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर चार्टर आज से ही लागू हो गए हैं। फेसलेस अपील 25 सितंबर यानी दीनदयाल उपाध्यान जन्मदिवस से देशभर में लागू हो जाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में टैक्सपेयर्स चार्टर लाने का ऐलान किया था। पिछले हफ्ते भी उन्होंने इस चार्टर को जल्द लागू करने के संकेत दिए थे। मंत्रालय ने बताया कि आयकर विभाग के कामकाज में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए सीबीडीटी ने कई कदम उठाए हैं।

बता दें कि इस नए टैक्स प्लेटफॉर्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। साथ ही अब टैक्स देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा।

मोदी के भाषण की अहम बातें


ईमानदार टैक्सपेयर की राष्ट्रनिर्माण में बड़ी भूमिका

इस महत्वपूर्ण तोहफे के लिए टैक्सपेयर्स को बहुत-बहुत बधाई देता हूं और इनकम टैक्स विभाग के अफसरों, कर्मचारियों को शुभकामनाएं देता हूं। बीते 6 साल में हमारा फोकस रहा है, बैंकिंग द अनबैंक, सिक्योरिंग द अनसिक्योर और फंडिंग द अनफंडेड। आज एक नई यात्रा शुरू हो रही है। ऑनरिंग द ऑनेस्ट, ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है। पीएम ने कहा कि टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे तरक्की का मौका मिलता है।

पीएम मोदी ने कहा कि अब जान-पहचान का मौका खत्म हो गया है, ट्रांसफर पोस्टिंग के मसलों से राहत मिलेगी। वहीं, टैक्स से जुड़े मामलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलैस होंगी। अब आयकर विभाग को टैक्सपेयर का सम्मान रखना जरूरी होगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्स होते थे और उनकी स्क्रूटनी होती थी आज उससे काफी कम है, क्योंकि हमने टैक्सपेयर्स पर भरोसा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही टैक्स भर रहे हैं, ये संख्या काफी कम है। हर व्यक्ति को इसपर चिंतन करना होगा, इससे ही देश आत्मनिर्भर आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि 15 अगस्त से ही लोग टैक्स देने का संकल्प लें।

पॉलिसी को पीपुल सेंट्रिक बनाने पर जोर

आज से शुरू हो रहीं नई सुविधाएं देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आज हर नियम कानून को, हर पॉलिसी को प्रोसेस और पावर सेंट्रिक एप्रोच से निकालकर उसे पीपल सेंट्रिंक और पब्लिक फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। आज हर किसी को ये अहसास हुआ है कि शॉर्ट कट ठीक नहीं है।

बदलाव के 4 कारण

सवाल ये है कि ये बदलाव कैसे आ रहा है। इसके मोटे-मोटे तौर पर कहूं तो 4 कारण हैं।

पहला- पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस। ऐसा होने से ग्रे एरिया मिनिमम हो जाता है।

दूसरा- सामान्य जन की ईमानदारी पर विश्वास।

तीसरा- सरकारी सिस्टम में ह्यूमन इंटरफेस को कम कर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल।

चौथा- सरकारी मशीनरी में एफिशिएंसी, इंटीग्रिटी, सेंसेविटी के गुण को रिवॉर्ड किया जा रहा है।

1500 से ज्यादा कानून खत्म

एक दौर था जब रिफॉर्म की बड़ी बातें होती हैं, दबाव में लिए गए फैसलों को भी रिफॉर्म कह दिया जाता है। अब ये सोच और अप्रोच बदल गई है। हमारे लिए सुधार का मतलब है, यह नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो और एक सुधार दूसरे का आधार बने। ऐसा नहीं है कि एक बार सुधार करके रुक गए। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। बीते कुछ वर्षों में देश में 1500 से ज्यादा कानूनों को समाप्त किया गया है। ईज आफ डूइंग में भारत कुछ साल पहले 134वें नंबर पर था। आज भारत की रैंकिंग 63 है। इसके पीछे सुधार है। लोगों पर आधारित और उनके जरूरत के हिसाब से नियम बनाए जा रहे हैं। इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। आज हर किसी को यह अहसास हुआ है कि शार्टकार्ट ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री बोले कि गलत तौर-तरीके सही नहीं है और छोटे रास्ते नहीं अपनाना चाहिए। हर किसी को कर्तव्यभाव को आगे रखते हुए काम करना चाहिए। पीएम ने कहा कि पॉलिसी स्पष्ट होना, ईमानदारी पर भरोसा, सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग, सरकारी मशीनरी का सही उपयोग करना और सम्मान करना। पहले रिफॉर्म की बातें होती थीं, कुछ फैसले मजबूरी-दबाव में लिए जाते थे जिससे परिणाम नहीं मिलता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि आज देश में रिफॉर्म लगातार किया जा रहा है, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश आगे बढ़ा रहा है। कोरोना संकट में भी देश में रिकॉर्ड FDI का आना इसी का उदाहरण है। पीएम ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा, ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई। इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा।

विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा

भारत की प्रतिबद्धता को देखकर विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना काल में भी भारत में रिकॉर्ड एफडीआई आना इसी का उदाहरण है। भारत के टैक्स सिस्टम में फंडामेंटल रिफॉर्म की जरूरत इसलिए थी, क्योंकि ये गुलामी के कालखंड में बना और धीरे धीरे इवॉल्व हुआ। आजादी के बाद छोटे-छोटे बदलाव हुए लेकिन, ढांचा वही रहा। परिणाम यही रहा कि टैक्सपेयर्स को कटघरे में खड़ा किया जाने लगा।

कुछ लोगों के कारण बहुतों को परेशानी हुई

कुछ मुट्ठीभर लोगों की पहचान के लिए बहुत से लोगों को अनावश्यक परेशानी से गुजरना पड़ा। कहां तो टैक्सपेयर की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, लेकिन गठजोड़ की व्यवस्था ने ईमानदारी से व्यापार करने वालों को, युवा शक्ति की आकांक्षाओं को कुचलने का काम किया। जहां कॉम्प्सेबिलिटी होती है वहां, कम्प्लायंस भी बहुत कम होता है।

क्या है टैक्सपेयर्स चार्टर?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक टैक्सपेयर्स चार्टर का मकसद करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाना, टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करना और अफसरों की जवाबदेही तय करना होता है। इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों- अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है। इन तीनों देशों के टैक्सपेयर्स चार्टर में 3 प्रमुख बातें शामिल हैं-

# करदाता को ईमानदार मानना

जब तक यह साबित न हो जाए कि करदाता ने टैक्स चोरी या गड़बड़ी की है, तब तक उसे ईमानदार करदाता मानते हुए उन्हें सम्मान देना।

# समय पर सेवा

करदाताओं की समस्याओं का जल्द समाधान करना। अगर किसी समस्या का तुरंत समाधान संभव न हो तो तय टाइम लाइन में सॉल्यूशन की व्यवस्था करना।

#आदेश से पहले स्क्रूटनी

करदाताओं के खिलाफ आदेश जारी करने से पहले उन्हें स्क्रूटनी करने का मौका देना, जिससे गलत आदेश पारित न हो।

देशभर में फेसलेस असेसमेंट लागू करने का ऐलान भी संभव

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के प्रेसिडेंट सीए अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि आईसीएआई ने वित्त मंत्रालय को फेसलेस असेसमेंट के बारे में समय-समय पर सुझाव दिए हैं। अभी 18 शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू है। इनकम टैक्स ऑफिसर के स्तर तक के असेसमेंट फेसलेस होते हैं।

टैक्स सुधार पर बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स मामलों को लेकर नए कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। आयकर विभाग ने कई अहम रिफॉर्म किए है। टैक्स भुगतान प्रक्रिया सरल बनाने का काम जारी है। कोरोना महामारी को देखते हुए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाई गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम का मिशन ईमानदार टैक्सपेयर्स को पुरस्कार देना है। इससे चीजों में पारदर्शिता आएंगी।आयकर विभाग और टैक्सपेयर्स में तालमेल होगा।पिछले साल कारपोरेट टैक्स 30 से 20% किया गया। आयकर विभाग ने कई सारे टैक्स सुधार लागू किए हैं। करदाताओं को सम्मान देना पीएम की इच्छा है।