कोरोना संकट के बीच देश आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 74वें स्वतंत्रता दिवस (74th Independence Day) के मौके पर देश को संबोधित करते हुए जहां एक तरफ चीन और पाकिस्तान के विस्तारवाद तथा आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया वहीं, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) की शुरुआत भी की। उन्होंने कहा कि यह देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होगा। इसके तहत हर देशवासी को एक डिजिटल कार्ड मिलेगा। इससे आपको कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। जैसे- आपको क्या बीमारी है? आपने पहले किस डॉक्टर को दिखाया? आपने क्या जांच कराई? आपको क्या इलाज दिया गया? इस योजना में कोई भी अपनी इच्छा से शामिल हो सकेगा। इसमें उसकी प्राइवेसी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पैसा जमा करना हो, अस्पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ हो, इन परेशानियों से निजात मिलेगी। यह सब एक डिजिटल कार्ड से संभव हो सकेगा। सरकार ने एनडीएचएम के लिए 470 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी है।
योजना में अभी ये 4 फीचर रहेंगेहेल्थ आईडीदेश के हर व्यक्ति को एक हेल्थ आईडी कार्ड मिलेगा। इससे आपको डॉक्टरों और मेडिकल टेस्ट के तमाम पर्चों को सहेजने के झंझट से निजात मिलेगी। अाप चाहें तो इसे आधार कार्ड से भी लिंक करवा सकते हैं।
पर्सनल हेल्थ रिकॉर्डइसमें आपकी उम्र, ब्लड ग्रुप, एलर्जी, बीमारी, सर्जरी, परिवार में कोई रोग हो तो उसकी जानकारी रहेगी। इससे डॉक्टर को आपकी हेल्थ हिस्ट्री जानने और उसके हिसाब से इलाज करने में आसानी होगी। यह रिकॉर्ड आप खुद अपडेट कर सकेंगे। आपकी इजाजत के बगैर कोई इसे देख नहीं सकेगा।
डिजी डॉक्टरइसमें डॉक्टर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे उनकी भी एक यूनिक आईडी होगी। वे अपनी जानकारी खुद अपडेट कर सकेंगे। वे चाहें तो अपना कॉन्टैक्ट नंबर भी दे सकते हैं। उन्हें फ्री डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा भी दी जाएगी। इसका इस्तेमाल वे मरीज को लिखे ऑनलाइन पर्चे पर कर सकते हैं।
हेल्थ फैसेलिटी रजिस्ट्रीइसमें हॉस्पिटल, क्लीनिक, लैब और स्वास्थ्य सेवा से संबंधित दूसरी फैसेलिटी जुड़ सकती हैं। इससे इनकी जानकारी तेजी के साथ एक प्लेटफॉर्म पर मिल सकेगी। यह प्लेटफॉर्म वेब और ऐप दोनों फॉर्मेट में होगा।
दो सुविधाएं बाद में जोड़ी जाएंगीटेलीमेडिसिनआप इस प्लेटफार्म पर रजिस्टर्ड किसी भी डॉक्टर से ऑनलाइन इलाज करवा सकेंगे।
ई-फार्मेसीइस कार्ड के जरिए ऑनलाइन दवाएं बुलवा सकेंगे।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?पूरे देश का एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है। इससे हेल्थ डेटा को मैनेज किया जा सकेगा। हेल्थ डेटा मैनज करने से सरकार को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने में मदद मिलेगी लोगों को अभी इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल सरकार ने इसके नाम, लोगो और टैगलाइन के लिए लोगों से सुझाव मांगे हैं। 6 अगस्त तक ये सुझाव देने थे। 2604 लोगों ने इसमें सुझाव दिए हैं। इसके विजेता को 25 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।
एक हजार दिन में 6 लाख से ज्यादा गांवों में पहुंचेगा ऑप्टिकल फाइबरमोदी ने देश में डिजिटिल सुविधाओं के लिए किए जा रहे कामों का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, '2014 से पहले हमारे देश में 5 दर्जन पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर था। 5 साल में डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच चुका है। गांवों की भी डिजिटल इंडिया में भागीदारी जरूरी हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने हर पंचायत तक पहुंचने का कार्यक्रम बनाया था।'
मोदी ने कहा, 'हमने तय किया है कि 6 लाख से ज्यादा गांवों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाएंगे। लाखों किलोमीटर तक ऑप्टिल फाइबर बिछाई जाएगी। एक हजार दिन में देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों में ऑप्टिकल फाइबर का काम पूरा कर दिया जाएगा।'
LAC से LoC तक आंख उठाने वालों को दिया करारा जवाब प्रधानमंत्री ने अपने दोनों ही पड़ोसी देशों का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद (पाकिस्तान) और विस्तारवाद (चीन) से भारत डटकर मुकाबला कर रहा है। भारतीय सैनिक हर मोर्चे पर दुश्मनों का मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जवान क्या कर सकते हैं वह दुनिया ने लद्दाख में हुए घटनाक्रम के बाद देख लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि जिसने चुनौती दी, उसे उसी की भाषा में जवाब दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वाच्च है। LoC से लेकर LAC तक जब कभी भी देश की संप्रभुता पर किसी ने आंख उठाने की कोशिश की है देश के बहादुर सैनिकों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है। लद्दाख में जो कुछ भी हुआ दुनिया ने देख लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज मातृभूमि पर न्योछावर उन सभी जवानों को नमन करता हूं जो लगातार सीमा पर आतंकवाद और विस्तारवार का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि 192 में से 184 ने भारत को संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्यता के लिए भारत को समर्थन दिया है जो देश के लिए गर्व की बात है। इसी के साथ दुनिया में भारत ने कैसे अपनी पहुंच बढ़ाई है यह उसका उदाहरण भी है। ये तभी संभव होता है जब भारत सशक्त हो, जब भारत सुरक्षित हो।