प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने पर सभी सांसदों और चर्चा में भाग लेने वालों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, मैं उन सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वक्फ विधेयक पर अपने विचार साझा किए और इसे बेहतर बनाने में योगदान दिया। साथ ही, संसदीय समिति को सुझाव भेजने वाले अनगिनत लोगों का भी विशेष धन्यवाद। एक बार फिर व्यापक बहस और संवाद के महत्व की पुष्टि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वक्फ प्रणाली में दशकों से पारदर्शिता की कमी रही, जिससे खासकर मुस्लिम महिलाओं, गरीब और पसमांदा मुसलमानों को नुकसान होता रहा। उन्होंने कहा कि नया कानून इन वर्गों के अधिकारों की रक्षा करेगा, पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और उन्हें आवाज और अवसर प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने कहा, यह समाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो लंबे समय से हाशिए पर रहे लोगों की मदद करेगा।
वक्फ बिल संसद के दोनों सदनों से पारितवक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। पहले, इसे लोकसभा में लगभग 12 घंटे की बहस के बाद पास किया गया, जिसमें 288 सांसदों ने समर्थन किया जबकि 232 ने विरोध। इसके बाद विधेयक राज्यसभा में गया, जहां 13 घंटे तक चली बहस के बाद इसे 128 वोटों के समर्थन और 95 विरोध में पारित कर दिया गया। अब विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
पुराना VS नया कानूनपुराना कानून - पहले विवाद हो तो सिर्फ ट्रिब्यूनल में फैसला
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती
- जिस संपत्ति पर भी वक्फ ने दावा तर दिया वो उसकी होगी
- विवादित संपत्ति पर भी वक्फ का दावा संभव
- धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल जमीन वक्फ की होगी
नया कानून- विवाद पर डीएम रैंक से ऊपर के अफसर फैसला देंगे
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी
- सरकारी संपत्ति पर वक्फ का दावा नहीं होगा
- अब विवादित संपत्ति पर वक्फ दावा नहीं कर सकेगा
- जब तक प्रॉपर्टी दान न की गई हो वो वक्फ की नहीं होगी
किरण रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक को बताया 'नया सवेरा'संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने संसद के दोनों सदनों में पारित हुए वक्फ (संशोधन) विधेयक को “नया सवेरा” बताया है। राज्यसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यह विधेयक आज के समय की एक अहम जरूरत है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करता है। उन्होंने इसे उम्मीद नाम दिया और कहा, “उम्मीद से किसी को ऐतराज़ नहीं होना चाहिए। यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज के व्यापक हित में है।”
विधेयक तैयार करने में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने दिए सुझावकिरण रिजिजू ने बताया कि सरकार इस विधेयक को सकारात्मक सोच और व्यापक चर्चा के बाद लेकर आई है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में इस पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। देश के 10 शहरों में जाकर लोगों की राय ली गई और सभी पक्षों से संवाद कर विधेयक को अंतिम रूप दिया गया। इस प्रक्रिया में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने अपने सुझाव साझा किए।
उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में लगातार विवाद होते रहे हैं, और हजारों मामले अदालतों में लंबित हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए यह विधेयक आवश्यक था। रिजिजू ने यह भी जोड़ा कि इस विधेयक को तैयार करने के दौरान सरकार ने 284 संगठनों से विचार-विमर्श किया।
अंत में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “जो काम कांग्रेस सरकार वर्षों तक नहीं कर सकी, वह आज मोदी सरकार करके दिखा रही है।”