अब जल्द ही ड्रोन विमान के जरिए आपके घर तक पिज्जा या समोसों की डिलीवरी शुरू हो जाने की संभावना बन गई है। नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय समिति मानवरहित हवाई वाहनों के लिए नियामक दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। इनमें 250 ग्राम से कम के नैनो-ड्रोन पर प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक ‘नो ड्रोन जोन’ लागू करना शामिल है। नागरिक उड्डयन सचिव आरएन चौबे के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय सिविल कामों में उपयोग के लिए ड्रोन को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद आधार जैसे यूनिक नंबर के साथ उड़ान भरने की अनुमति देने जा रहा है। फिलहाल फिलहाल डीजीसीए ने ड्रोन की सिविल उड़ान पर पाबंदी लगाई हुई है।
वहीं अब जल्द ही शरीर के ऊपरी हिस्से का उपयोग करके ड्रोन को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक इमर्सिव पायलटिंग सिस्टम विकसित किया है जो बगैर हाथ का उपयोग किए शरीर के ऊपरी हिस्से से ड्रोन को नियंत्रित कर सकेगा।स्विट्जरलैंड में इकोले पॉलीटेक्निक फेडेरेल डी लॉजेन (ईपीएफएल) के शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर के ऊपरी हिस्से की गतिविधियां हाथ की तुलना में लंबे समय तक अधिक प्रभावशाली तरीके से इसे नियंत्रित कर सकती हैं।
‘जर्नल पीएनएएस’ में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखक जेनिफर मिहलब्रैड ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य एक नियंत्रण विधि तैयार करना था, जिससे की उपयोगकर्ताओं को इसे नियंत्रित करने के लिए सीखने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि इससे यूजर्स को मानसिक रूप से अधिक ध्यान देने की जरूरत न पड़े। इससे वह किसी भी खोज के लिए कम समय में भी अपने कार्य को आसानी से कर सकेंगे।