बिहार: चमकी का कहर, 132 मासूमों की मौत, नीतीश पर भड़कीं राबड़ी, एक के बाद एक किए छह ट्वीट

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अबतक 132 बच्चों की मौत हो गई है। चमकी बुखार से बिहार में लगातार हो रही मासूमों की मौत पर सियासत जारी है। मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से राज्य में हो रही मौतों पर बीजेपी सांसद अजय निषाद का बेतुका बयान सामने आया है। निषाद ने कहा कि चमकी बुखार के लिए 4जी जिम्मेदार है। इसकी वजह से मौतें हो रही हैं। बीजेपी सांसद ने गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी को 4g बताया। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के लोग इस बीमारी से ताल्लुक हैं। उनका रहन-सहन नीचे है। बच्चे बीमार हैं। वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी में सरकार पर हमला करने की कमान बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम राबड़ी देवी ने संभाल रखी है। नीतीश के मुजफ्फरपुर दौरे से ठीक पहले राबड़ी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कर के छह ट्वीट किये और सरकार को घेरने की पूरजोर कोशिश की।

पहला ट्वीट

राबड़ी ने पहले ट्वीट में लिखा है,- एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था सीएम की महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर व भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार एवं भ्रष्ट आचरण के कारण ग़रीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गयी है।

दूसरा ट्वीट

दूसरे ट्वीट में राबड़ी ने लिखा - 14 बरस से ई लोग बिहार में राज कर रहा है। हर साल बीमारी से हज़ारों बच्चे मरते है लेकिन बताते सैंकड़ों है। फिर भी रोकथाम का कोई उपाय नहीं, समुचित टीकाकरण नहीं। दवा और इलाज का सारा बजट ईमानदार सुशासनी घोटालों की भेंट चढ़ जाता है। बिहार का बीमार स्वास्थ्य विभाग ख़ुद ICU में है।

तीसरा ट्वीट

तीसरे ट्विट में राबड़ी ने बिहार की सरकार को डबल इंजन की सरकार बताया। राबड़ी ने अपने ट्विट में लिखा - बिहार में डबल इंजन की सरकार है। इतनी मौतों के बाद अब केंद्र और प्रदेश के मंत्री क्या नृत्य करने चार्टर फ़्लाइट्स से मुज़फ़्फ़रपुर जा रहे है? जब अस्पताल के दवाखानों में दवा की जगह कफ़न रखे है, डॉक्टर नहीं है तो क्यों नहीं बीमार बच्चों को Air-Ambulance से दिल्ली ले जाते?

चौथा ट्विट

चौथे ट्विट में राबड़ी ने लिखा - केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कुतर्क गढ़ रहे है। एक कहता है मैं मंत्री हूँ, डॉक्टर नहीं। मरते बच्चे क़िस्मत का खेल है। और फिर उसी क़िस्मत को लात मार बिस्कुट खाते बेशर्मी से मैच का स्कोर पूछता है।एक प्रेस मीटिंग में ही सो रहे है। लिची को दोषी बताते है।भगवान की आपदा बताते है।

पांचवा ट्विट

पांचवे ट्विट में राबड़ी ने मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए और कहा - मुख्यमंत्री जी सदा की तरह मौन है। मुज़फ़्फ़रपुर में 40 बच्चियों के साथ सत्ता संरक्षण में जनबलात्कार किया गया तब भी मौन थे। मुज़फ़्फ़रपुर में ही भाजपाई नेता द्वारा 30 मासूमों को कार से कुचला तब भी मौन और हर वर्ष की भाँति फिर हज़ारों बच्चों की चमकी बुखार से मौत पर भी चुप।

आखिरी ट्विट में राबड़ी ने पूछा - क्या 14 वर्ष से राज कर रहे मुख्यमंत्री की हज़ारों बच्चों की मौत पर कोई जवाबदेही नहीं?कहाँ है ग़रीबों के लिए 5 लाख तक के मुफ़्त इलाज की प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना? हम इस नाज़ुक समय में राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन ग़रीब बच्चों का समुचित इलाज करना सरकार का धर्म और दायित्व है।

बता दे, मंगलवार यानी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी बच्चों की मौत के 17 दिन बाद स्थिति का जायजा लेने यहां पहुंचे थे। सीएम SKMCH अस्‍पताल पहुंचकर मृत बच्‍चों के माता-पिता से मिल रहे थे और पीड़ित बच्‍चों का भी हालचाल पूछ रहे हैं। हालांकि, सीएम के दौरे को लेकर पहले से ही विरोध की आशंका थी जिसको लेकर SKMCH अस्पताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे बावजूद इसके लोगों ने परिसर के बाहर जमकर नारेबाजी की। बता दें कि इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। चमकी बुखार के बीच डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या का स्वत: संज्ञान लिया है।’’ मानवाधिकार आयोग ने बयान जारी कर बताया कि आयेाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के सचिव और बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।