प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निडर दिखे बाबा रामदेव, न मास्क पहना, न सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ध्यान, क्या दवा का है असर?

कोरोना वायरस को मात देने वाली दवाई पतंजलि ने बना ली है। योग गुरू रामदेव ने आज प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उन्होंने इस महामारी को मात देने वाली दवा तैयार कर ली है। रामदेव ने कहा कि दुनिया इसका इंतजार कर रही थी कि कोरोना वायरस की कोई दवाई निकले, आज हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई को हमने तैयार कर लिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में काफी लोग दिखे, लेकिन अधिकतर ने कोई मास्क नहीं पहना हुआ था। स्वामी रामदेव जब मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए तो उनके साथ पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण, इस दवाई पर काम करने वाले प्रोफेसर तोमर और कई अन्य लोग मंच पर मौजूद दिखे। इस दौरान मंच पर अधिकतर लोग बिना मास्क के दिखाई दिए, हालांकि मंच पर मौजूद एक बुजुर्ग वक्ता ने मास्क पहना हुआ था। इसके अलावा मंच पर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं दिखा, लेकिन मंच के सामने दीर्घा में अधिकतर लोग मास्क पहने हुए थे। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा था।

गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के मुताबिक, सार्वजनिक स्थल या ऐसी जगह जहां पर अधिक लोग हों वहां पर मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।

साफ है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में योग गुरु रामदेव पूरे आत्मविश्वास के साथ सबके सामने नज़र आए और उन्होंने दावा किया कि जो काम पूरी दुनिया में बड़े-बड़े वैज्ञानिक नहीं कर पाए वो एक हिमालय पर रहने वाले संन्यासी ने कर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जब दुनिया में कोरोना वायरस का संकट आया, तभी से हमारी टीम इस काम में जुट गई थी और अब इसमें हमे सफलता मिल गई है साथ ही रामदेव ने भी कहा कि सिर्फ जनता कर्फ्यू के दिन पतंजलि के कामकाज को बंद किया गया, इसके अलावा पूरे लॉकडाउन में इस दवाई पर काम जारी रहा।

रामदेव का दावा है कि इस दवा की क्लिनिकल केस स्टडी में हमने 280 मरीजों को शामिल किया। 100 लोगों के ऊपर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की गई। 3 दिन के अंदर 69% मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए और 7 दिन के अंदर 100% रोगी ठीक हो गए। यह इतिहास की बहुत बड़ी घटना है। योगगुरु रामदेव ने कहा कि 7 दिन में 100% लोग ठीक हो गए, हमने पूरी रिसर्च के साथ इसे तैयार किया है। हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है। रामदेव ने कहा कि भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।