संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस को लेकर अब सब कुछ तय हो गया है। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से सभी पार्टियों को उनकी संख्या के आधार पर समय बांट दिया गया है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने चर्चा की शुरुआत करते हुए मोदी सरकार पर आंध्रप्रदेश की उपेक्षा का आरोप लगाया। वहीं शिवसेना ने चर्चा और वोटिंग के दौरान सदन से गैरहाजिर रहने का फैसला लिया है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस चर्चा के लिए अधिक समय की मांग कर रही है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों के मुद्दे और इस सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए क्या यह समय हमारे लिए पर्याप्त है? हर पार्टी को (बोलने के लिए) 30 मिनट मिलने चाहिए थे।
कांग्रेस इस बात से भी असहमत थी कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए महज एक दिन तय किया गया है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष वनडे के जमाने में पांच दिन का टेस्ट खेलना चाहता है। वहीं स्पीकर ने भी विपक्ष की आपत्ति ये कहते हुए खारिज कर दी कि अनंत बहस नहीं चल सकती, अनंत और अनादि केवल भगवान होता है।
स्पीकर ने चर्चा के लिए सात घंटे का समय निर्धारित किया है
भाजपा कि हिस्से 3.33 घंटे, कांग्रेस को 38 मिनट, अन्नाद्रमुक को 29 मिनट, बीजेडी को 15 मिनट, शिवसेना को 14 मिनट, टीडीपी को 13 मिनट, माकपा को 7 मिनट, एनसीपी, एलजेपी, एसपी को 6-6 मिनट, अकाली दल, अपना दल समेत 15 दलों को 12 मिनट और अन्य 33 दलों को 26 मिनट