अविश्वास प्रस्ताव: 'सामना' के जरिये शिवसेना ने साधा सरकार पर निशाना, कहा - इस समय देश में तानाशाही चल रही है

मोदी सरकार के खिलाफ आए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतविभाजन होगा। इसमें गैर भाजपा-कांग्रेस दलों का रुख अहम होगा। हालांकि संसद में इस जंग में सरकार की जीत तय है। संख्याबल के आधार पर पहले से ही मजबूत राजग सरकार को अन्नाद्रमुक का समर्थन मिलने और बीजेडी-टीआरएस के मतदान से दूर रहने के फैसले से शक्ति परीक्षण का सस्पेंस खत्म हो गया है। अब विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर बहस के जरिये सरकार को घेर कर दमखम दिखाएगा। शिवसेना के सांसदों ने गुरुवार को यह कह कर सरकार की धड़कनें बढ़ा दीं कि वह सदन में बहस के दौरान ही अपना रुख साफ सकेंगे। इसके बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शिवसेना को मनाया और अब वह अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी। हालांकि बहस के दौरान वह सरकार पर सवाल जरूर खड़े करेगी। लेकिन इस मामले में अब संशय के बादल छा गए हैं। शिवसेना के संसदीय दल के नेता आनंद रानत का कहना है कि अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ही कोई फैसला लेंगे। यानि शिवसेना की ओर से अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं बताया गया है कि वह सरकार का साथ देगी या नहीं। लेकिन अगर शिवसेना के सामना की ओर देखें तो इससे कोई और ही संकेत मिल रहा है। कुछ ऐसा जिससे सरकार को तगड़ा झटका लग सकता है।

जनता का साथ देने की कही बात

शिवसेना ने आज के सामना में लिखा है कि इस समय देश में तानाशाही चल रही है। इसका समर्थन करने की बजाय वह जनता के साथ जाना चाहेगी। वहीं शिवसेना के एक अन्य नेता संजय राउत का कहना है कि पार्टी अपने समर्थन का खुलासा सदन के फ्लोर पर ही करेगी। उनकी मानें तो फैसला लिया जा चुका है। लेकिन पूरी जानकारी फ्लोर पर ही दी जाएगी।