खुली पाकिस्तान की पोल, भारत ने बताया आतंकवादियों के जनाजे में कौन-कौन से PAK अधिकारी हुए शामिल

भारत ने उन पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए थे। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के नौ बड़े ठिकानों को निशाना बनाया था। इनमें लश्कर का मरकज तैयबा (मुरीदके), जैश का मरकज सुभान अल्लाह (बहावलपुर) और हिजबुल का महमूदा जोया कैंप (सियालकोट) शामिल थे।

मुरीदके में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्दुल रऊफ भी शरीक हुआ था और वह जनाजे की नमाज अदा कर रहा था, जबकि अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है। भारत ने तस्वीरें जारी कर यह साबित किया कि पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी संगठनों की मिलीभगत है। इन तस्वीरों में लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन शाह, मेजर जनरल राव इमरान सरताज और ब्रिगेडियर मोहम्मद फुरकान शब्बीर जनाजे में मौजूद नजर आए।

इतना ही नहीं, जनाजे में पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी उस्मान अनवर और नेता मलिक सोहैब अहमद को भी नमाज अदा करते हुए देखा गया। मारे गए आतंकियों के ताबूतों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया और उन्हें राजकीय सम्मान से दफनाया गया। भारत ने दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकी मारे गए और कुछ हाई-वैल्यू टारगेट्स की तस्वीरें भी साझा की गईं।

भारतीय सेना द्वारा मारे गए मुख्य आतंकी

खालिद उर्फ अबू अकाशा लश्कर-ए-तैयबा का एक सक्रिय आतंकी था, जो जम्मू-कश्मीर में ऑपरेट करता था और पेशावर में रहते हुए हथियारों की तस्करी में अहम भूमिका निभा रहा था।

मुदस्सिर खादियन खास उर्फ मुदस्सर या अबू जुंदाल, लश्कर का एक प्रमुख आतंकी था और मुरीदके आतंकी शिविर का प्रभारी था।

जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य मोहम्मद हसन खान की पहचान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जैश ऑपरेशन के प्रमुख मुफ्ती असगर खान कश्मीरी के बेटे के रूप में हुई। वह पुलवामा हमले में शामिल आशिक नेग्रू और मुफ्ती असगर के साथ मिलकर सैयदना बिलाल आतंकी कैंप से संचालित होता था।

यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद भी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों में शामिल थे। ये सभी 1999 में IC-814 विमान अपहरण और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल रहे हैं।