पाकिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। हालांकि पीटीआई को सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करना है। स्पष्ट बहुमत के लिए इमरान खान को नेशनल असेंबली के कुल सदस्यों के कम से कम 51 प्रतिशत वोटों की जरूरत है।
पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल 172 सीटों की जरूरत है। पीटीआई नेतृत्व ने कम से कम 170 सांसदों के समर्थन मिलने का दावा किया है। इसमें निर्दलीय और गठबंधन की पार्टियों के नवनिर्वाचित सांसद शामिल हैं।
देश के भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने समन भेजाहालांकि बहुमत साबित करने के लिए इमरान की पार्टी (पीटीआई) के पास अभी एक हफ्ते का समय बाकी है लेकिन प्रधानमंत्री बनने से पहले इमरान खान को सरकारी हेलीकॉप्टरों के दुरुपयोग के संबंध में देश के भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने समन भेजा है। उन्हें सात अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया है। इससे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के खजाने को 21. 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 65 वर्षीय प्रमुख को सात अगस्त को पेश होने के लिए समन भेजा है। खैबर पख्तूनख्वा में साल 2013 से खान की पार्टी की प्रांतीय सरकार है। एनएबी 72 घंटे से अधिक समय तक सरकारी हेलीकॉप्टरों के दुरूपयोग से प्रांतीय सरकार के खजाने को 21. 7 लाख रुपये के नुकसान होने के संबंध में जांच कर रही है।
एनएबी के एक अधिकारी ने बताया कि खान को सात अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है और उनका बयान दर्ज किया जायेगा। खान ने कुछ भी गलत करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। खान को इससे पहले 18 जुलाई को समन भेजा गया था लेकिन वह चुनाव के कारण ब्यूरो के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उनके वकील ने एक अपील दायर करते हुए एनएबी से मामले में आम चुनाव के बाद ‘‘अच्छा हो कि सात अगस्त’’ की तारीख तय करने का अनुरोध किया था।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उनकी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खट्टक और चार वरिष्ठ नौकरशाह इस मामले में पहले ही अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। खान की पार्टी 25 जुलाई को हुए चुनावों में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है। 65 वर्षीय नेता के 11 अगस्त को शपथ लेने की संभावना है।
विपक्षी गठबंधन इमरान खान के लिए चुनौतीविपक्षी गठबंधन जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और मुताहिदा शामिल हैं। मजलिस-ए-अमल (एमएमए) ने पहले ही संसद के अंदर और बाहर इमरान खान और उनके समर्थक दलों का विरोध करने का फैसला किया है।
पीएम पद के दावेदार इमरान खान को चुनौती देने के लिए PML-N और PPP ने हाथ मिलाने का ऐलान किया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) के पास 64 और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के पास 43 सीटे हैं। हालांकि, कुछ छोटी पार्टियों के गठबंधन से इमरान खान के लिए प्रधानमंत्री के तौर पर चुने जाने के कदम पर खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन इससे संसद में उनके पास सीटें कम हो जाएंगी। जिससे उनके लिए बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है।